इंदौर| भारत के पूर्व गोलकीपर मीररंजन नेगी ने सोमवार को कहा कि खेल आयोजनों पर कोविड-19 की पाबंदियों के चलते खिलाड़ियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने सुझाया कि सरकार को उन खेलों की गतिविधियों को सिलसिलेवार तरीके से बढ़ावा देना चाहिए जिनमें खिलाड़ियों का आपस में कम संपर्क होता है।
नेगी ने "पीटीआई-भाषा" से कहा, "कोविड-19 की पाबंदियों के चलते देश के कई स्टेडियमों और प्रशिक्षण अकादमियों में खेल गतिविधियां ठप पड़ी हैं। इससे न केवल खिलाड़ियों की शारीरिक फिटनेस पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि लगातार गिरते मनोबल के चलते उनके अवसाद में चले जाने का खतरा भी पैदा हो गया है।"
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शाहरुख खान की प्रमुख भूमिका वाली फिल्म "चक दे इंडिया" (2007) से नयी ख्याति पाने वाले पूर्व गोलकीपर ने तल्ख लहजे में कहा, "फिलहाल क्रिकेट को छोड़कर अन्य खेलों की गतिविधियों को बहाल करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है।"
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उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा दौर में हॉकी और फुटबॉल सरीखे उन खेलों को तो क्रमबद्ध तौर पर बढ़ावा दिया ही जा सकता है जिनमें खिलाड़ियों का आपस में कम संपर्क होता है। नेगी ने यह भी कहा कि सरकार को कोविड-19 से बचाव के उचित दिशा-निर्देशों के साथ खेल आयोजनों में ढील देनी चाहिए क्योंकि इनसे खिलाड़ियों की प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है।