Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. अन्य खेल
  4. नहीं रहे फुटबॉल लेजेंड डिएगो माराडोना! ये हैं उनके करियर के कुछ यादगार लम्हें

नहीं रहे फुटबॉल लेजेंड डिएगो माराडोना! ये हैं उनके करियर के कुछ यादगार लम्हें

माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 गोल दागे। इसके अलावा वह अर्जेंटीना जूनियर्स, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नेपोली, सेविला और नेवेल्स ओल्ड बॉयज़ जैसे क्लबों के लिए भी खेले।  

Written by: India TV Sports Desk
Published on: November 25, 2020 23:45 IST
Football legend Diego Maradona is no more! These are some memorable moments of his career- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGES Football legend Diego Maradona is no more! These are some memorable moments of his career

अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी डिएगो माराडोना का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया है। इस खबर के बाद खेल जगत में शोक की लहर है। हाल ही में उन्होंने 30 अक्टूबर को अपना 60वां जन्मदिन मनाया था। इसके कुछ ही दिनों के बाद उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी। माराडोना के दिमाग में खून के थक्के मिले थे।

1986 में फुटबॉल की दुनिया में माराडोना का नाम चमका था जब उन्होंने अर्जेंटीना को वर्ल्ड कप जीताने में अहम भूमिका निभाई थी। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने अर्जेंटीना की कप्तानी की और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ट खिलाड़ी होने का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता और निर्णायक मुकाबले में वेस्ट जर्मनी पर जीत हासिल की।

ये भी पढ़ें - ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवर सीरीज में भारत को खलेगी ऑलराउंडर की कमी

माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैच खेले जिसमें उन्होंने 34 गोल दागे। इसके अलावा वह अर्जेंटीना जूनियर्स, बोका जूनियर्स, बार्सिलोना, नेपोली, सेविला और नेवेल्स ओल्ड बॉयज़ जैसे क्लबों के लिए भी खेले।

आइए एक नजर उनके करियर के कुछ शानदार लम्हों पर डालते हैं-

- इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में माराडोना के दो गोल अभी भी प्रशंसकों द्वारा याद किए जाते हैं। पहला गोल एक दंड मुक्त हैंडबॉल था जिसे "हैंड ऑफ़ गॉड" के नाम से जाना जाता है, जबकि दूसरा गोल एक शानदार 6 मीटर की दूरी से और छह इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच से निकाला गया एक गोल था, जो आम तौर पर "दी गोल ऑफ़ दी सेंचुरी" के नाम से जाना जाता है।

- बतौर कप्तान माराडोना की टीम ने 1986 वर्ल्ड कप के निर्णायक मुकाबले में वेस्ट जर्मनी पर जीत हासिल की और टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ट खिलाड़ी होने का गोल्डन बॉल पुरस्कार जीता।

- माराडोना ने दो बार विश्व रिकॉर्ड ट्रांसफर शुल्क निर्धारित करने के लिए सुर्खियां बटोरी थीं, पहली बार जब वह एफसी बार्सिलोना में 7.6 मिलियन अमरीकी डॉलर और उसके बाद नैपोली में 10.48 मिलियन अमरीकी डॉलर में गए थे।

ये भी पढ़ें - भारतीय तीरंदाजी संघ को 8 साल बाद सरकार से फिर मिली मान्यता

- माराडोना ने 1987 और 1990 में नेपोली को दो सेरी ए खिताब के लिए नेतृत्व किया। उन्हें 'एल पिबे डी ओरो' (द गोल्डन बॉय) का उपनाम भी दिया गया।

- 1997 में रिटायर होने के बाद माराडोना कोचिंग की राह पर चल पड़े। उन्होंने 2008-2010 के बीच अर्जेंटीना का भी प्रबंधन किया। अपनी मृत्यु के समय, वह जिम्नासिया डी ला प्लाटा के प्रभारी थे।

- अर्जेन्टीना फ़ुटबॉल एसोसिएशन ने 2001 में FIFA प्राधिकार को माराडोना के लिए 10 नंबर जर्सी को रिटायर करने के लिए कहा. FIFA, ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, फिर भी अर्जेन्टीना के अधिकारियों का कहना है कि FIFA ने संकेत दिया है कि वह ऐसा करेगा।

- 26 दिसम्बर 2003 में अर्जेंटिनोस जूनियर ने अपने स्टेडियम का नाम माराडोना के नाम पर रखा।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement