ऐसे समय में जबकि दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं तब बेलारूस में फुटबॉल लीग का आयोजन किया जा रहा है जिसका भारत सहित कई अन्य देशों में प्रसारण होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके प्रशंसक बढ़ रहे हैं। खिलाड़ियों को हालांकि अपने स्वास्थ्य की भी चिंता है और बहुत ही कम संख्या में स्टेडियम में मैच देखने के लिये पहुंच रहे हैं।
एफसी स्लुटास्क के प्रशंसक याहोर खावान्स्की ने कहा कि वह सप्ताह के अंत में फुटबॉल देखे बिना नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले मैच में केवल 300 लोग ही स्टेडियम में पहुंचे थे। आप कहीं भी बैठ सकते हैं और ऐसे में दूरी बनाये रख सकते हैं। जोखिम के बावजूद मैं मैच देखने के लिये जाता रहूंगा। ’’
बेलारूस में जिंदगी सामान्य दिनों की तरह ही चल रही है क्योंकि उसकी सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिशों को नहीं माना।
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बेलारूस की जनसंख्या लगभग एक करोड़ है और यहां कोरोना वायरस के 9590 मामले पाये हैं। उसके पड़ोसी उक्रेन की जनसंख्या इससे लगभग चौगुनी है लेकिन वहां इससे कम मामले हैं। बेलारूस फुटबॉल महासंघ सरकार के फैसले के अनुसार चला है। उसने कहा कि वर्तमान दिशानिर्देशों में वह मैचों का आयोजन बंद नहीं कर सकता। उसने इस सप्ताह घोषणा की कि महिला लीग भी दो सप्ताह की देरी के बाद 30 अप्रैल से शुरू होगी।
मैचों को जारी रखने से बेलारूस की लीग को जैसे नया जीवन मिला है। रूस के सबसे बड़े खेल नेटवर्क ने मार्च में मैचों के प्रसारण अधिकार खरीदे। इसके बाद भारत और इस्राइल सहित 11 अन्य देशों ने इसका अनुसरण किया।
क्लबों ने अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को खींचने के लिये अंग्रेजी में ट्विटर अकाउंट शुरू कर दिये हैं। क्लबों के अलग अलग देशों में प्रशंसक बन गये हैं। ऑस्ट्रेलिया में फुटबऑल प्रेमियों ने 4000 डॉलर जुटाकर एफसी स्लुटास्क के विश्व भर में फैले प्रशंसकों के लिये नया फेसबुक पेज शुरू किया है। लेकिन स्थानीय दर्शक जोखिम के कारण इन मैचों में रुचि नहीं ले रहे हैं।
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पिछले सप्ताह के अंत तक आठ लीग मैचों को देखने के लिये केवल 2383 दर्शक ही पहुंचे। कुछ खिलाड़ी चाहते हैं कि लीग रोक दी जानी चाहिए लेकिन कुछ अन्य खिलाड़ियों की राय इससे हटकर है।
दिनामो मिन्स्क के मिडफील्डर डेनिलो ने ब्राजीली मीडिया से कहा, ‘‘अगर बड़ी चैंपियनशिप रोक दी गयी हैं तो फिर इन्हें क्यों नहीं रोका जा रहा है। हमें भी ऐसा करना चाहिए। ’’ लेकिन लीग को विदेशों में अधिक लोकप्रियता मिल रही है और कई खिलाड़ियों को लगता है कि यह अपनी चमक बिखरने का उनके पास अच्छा मौका है।