फिनलैंड के खिलाफ यूरो 2020 के मैच के दौरान शनिवार को मैदान पर डेनमार्क के खिलाड़ी क्रिस्टियन एरिक्सन के बेहोश होने से पहले फीफप्रो (फीफा के खिलाड़ियों के संघ) ने खिलाड़ियों की थकान की अनदेखी करने को लेकर चेतावनी दी थी। एरिक्सन कोरोना वायरस महामारी से खेल के प्रभावित होने के बाद एक साल के अंदर अपना 66वां प्रतिस्पर्धी मुकाबला खेल रहे थे।
इस 29 साल के फुटबॉल खिलाड़ी के अचेत होने के कारणों का हालांकि अभी पता नहीं चला है लेकिन शनिवार को इस मैच के शुरू होने से छह घंटे पहले जारी बयान में फीफप्रो ने एक बार फिर व्यस्त सत्र के कारण अपने सदस्यों (खिलाड़ियों) पर पड़ने वाले दबाव के मुद्दे को उठाया था।
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बयान के मुताबिक, ‘‘ हम खिलाड़ियों से शारीरिक और मानसिक रूप से जिस तीव्रता की अपेक्षा की जाती है उससे पड़ने वाले दबाव से अच्छी तरह वाकिफ हैं’’
एरिक्सन ने पिछले एक साल (13 जून 2020 के बाद) के दौरान इटली के अपने क्लब इंटर मिलान के लिए 52 और राष्ट्रीय टीम के लिए 14 मैच खेले हैं। वह 17 साल की उम्र से ही शीर्ष स्तर पर लगतार फुटबॉल खेल रहे हैं। उन्होंने 12 साल के करियर में बिना ब्रेक लिये एजेक्स, टोटेनहम और इंटर मिलान का प्रतिनिधित्व किया है।
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फीफप्रो के महासचिव जोनास बेयर-हॉफमैन ने पिछले सप्ताह थकान और चोटों के जोखिम पर कहा था, ‘‘ इमानदारी से कहूं तो हम चिंतित हैं। पिछले कुछ वर्षों से सत्र काफी व्यस्त रहा है और कोरोना वायरस ने इसे और व्यस्त बना दिया।’’