नई दिल्ली: फुटबाल विश्व कप में भाग लेने वाला जनसंख्या के आधार पर सबसे छोटा देश आइसलैंड 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप की तरह रूस में 14 जून से शुरू हो रहे वैश्विक टूर्नामेंट में भी बड़ा उलटफेर करना चाहेगा। अपना पहला विश्व कप खेल रही आइसलैंड की टीम में इतना दम है कि वह बड़ी टीमों के लिए सिरदर्द बन सकती है।
आइसलैंड ने 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप के प्री-क्वार्टर फाइनल में सबको चौंकाते हुए इंग्लैंड को 2-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल प्रवेश किया था। हालांकि, मेजाबन फ्रांस ने अंतिम-8 के मुकाबले में आइसलैंड को 5-2 से करारी शिकस्त दी थी। पेशे से डेंटिस्ट हेमिर हॉलग्रिम्सन के आइसलैंड का कोच बनने के बाद से टीम लगातार बेहतर हुई है। उत्तरी यूरोप में स्थित इस छोटे से देश ने कई अवसरों पर अपने महाद्वीप की बड़ी टीमों को चौंकाया है। इस बार उसके ग्रुप में अर्जेटीना और नाइजीरिया जैसी टीमें हैं जिनसे पार पाना आसान नहीं होगा।
आइसलैंड की टीम को पहली बड़ी सफलता ब्राजील में हुए 2014 विश्व कप के क्वालीफाइंग दौर में मिली थी। टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्लेऑफ में प्रवेश किया, लेकिन उसे क्रोएशिया के हाथों हार झेलनी पड़ी और टीम का विश्व कप में खेलने का सपना टूट गया। दो साल बाद आइसलैंड ने क्वालीफाइंग दौर में एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने पहले बड़े टूर्नामेंट 2016 यूरोपीय चैम्पियनशिप में भाग लिया। क्वालीफाइंग मुकाबलों में इस टीम ने नीदरलैंड जैसी शीर्ष टीम को मात देते हुए यह दर्शाया कि आगामी प्रतियोगिता में उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
यूरोपीय चैम्पियनशिप में आइसलैंड की शुरुआत अच्छी रही और टीम ने अपने पहले दो ग्रुप मैचों में मौजूदा चैम्पियन पुर्तगाल एवं हंगरी से 1-1 से ड्रॉ ख्ेाला। ग्रुप स्तर के अपने अंतिम मैच में ऑस्ट्रिया को 2-1 से मात देते हुए टीम ने अगले दौर में प्रवेश किया। प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में आइसलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने फुटबाल इतिहास का सबसे यादगार मैच खेला। इंग्लैंड के कप्तान वेन रूनी ने चौथे मिनट में ही पेनाल्टी के माध्यम से गोल दागकर टीम को 1-0 से आगे कर दिया, लेकिन आइसलैंड दबाव में नहीं आई और रागनार सिगर्डसन ने दो मिनट बाद ही बराबरी का गोल दागा।
स्ट्राइकर कॉलबेंन सिगफोरसन ने 18वें मिनट में आइसलैंड के लिए विजयी गोल दागा। टीम से क्वार्टर फाइनल में भी बड़े उलटफेर की उम्मीद थी लेकिन मेजबान फ्रांस ने 5-2 से मैच जीतकर प्रतियोगिता में आइसलैंउ के स्वर्णिम सफर को समाप्त किया। आइसलैंड 2018 फीफा विश्व कप के क्वालीफाइंग दौर में अपने ग्रुप में शीर्ष पर रही और टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया।
विश्व कप में टीम बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरेगी लेकिन ग्रुप स्तर में उलटफेर करना उसके लिए आसान नहीं होगा। आइसलैंड को अर्जेटीना, नाइजीरिया और क्रोएशिया के साथ ग्रुप डी में रखा गया है। आइसलैंड की टीम की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह एक टीम की तरह खेलती है। भले ही उनके पास हर पोजिशन पर स्टार खिलाड़ी न हों लेकिन हर खिलाड़ी टीम के लिए अपना 100 प्रतिशत देता है और पिछले यूरोपीय चैम्पियनशिप में पूरी दुनिया ने उनके इस कौशल को देखा।
टीम के लिए प्रमुख खिलाड़ियों का चोटिल होना चिंता का विषय है। कप्तान एरोन गुनारसन और इंग्लिश क्लब एवर्टन से खेलने वाले स्टार मिडफील्डर जिल्फि सिगर्डसन घुटने की चोट से परेशान हैं। इसके अलावा, टीम में गहराई की कमी भी विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में आइसलैंड के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है। आइसलैंड की टीम विश्व कप में अपने पहले मैच में 16 जून को दो बार की विजेता अर्जेटीना की टीम से भिड़ेगी।
टीम:
गोलकीपर : हेंस थोर हैल्डोरसल, रूनार एलेक्स रनारसन, फ्रेडरिक स्क्राम।
डिफेंडर : कारी अर्नेसौन, एरी फ्रीर स्कुलसन, बिरकिर मार सेवरसन, सेर्वीर इंगी इंगसन, होरोउर मैग्नसन, होल्मर ऑर्न आइजॉल्फसन, रागनार सिगर्डसन।
मिडफील्डर : जोहान बर्ग गुडमंडसन, बिरकिर बजरनासन, अन्र्नर इंगवी ट्रस्टसन, एमिल हॉलफ्रेडसन, जिल्फि सिगर्डसन, ओलाफुर इंगी स्कुलसन, रुरिक गिस्लासन, सैमुअल फ्रिजजोन्सन, एरोन गुनारसन।
फारवर्ड : अल्फ्रेड फिनबोगसन, बोजर्न बर्गमान सिगडार्सन, जॉन दादी बोडवर्सन, अल्बर्ट गुडमंडसन।