मिडफील्ड में मौजूद स्टार खिलाड़ियों की दम पर क्रोएशिया कालिनिग्रेड स्टेडियम में सुपर ईग्लस के नाम से मशहूर नाइजीरिया के खिलाफ ग्रुप डी के अपने पहले मुकाबले में जीत दर्ज करना चाहेगा। वर्ष 1998 में अपने पहले ही फीफा विश्व कप में सेमीफाइनल तक पहुंचकर तीसरे स्थान पर रहने वाली क्रोएशियाई टीम के कोच ज्लाटको डालिक के मार्गदर्शन में टूर्नामेंट के 21वें संस्करण में भी बड़ा उलटफेर करने का माद्दा रखती है। क्रोएशिया की सबसे बड़ी ताकत मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन में मौजूद स्टार खिलाड़ी हैं। टीम के कई खिलाड़ी स्पेनिश क्लब रियल मेड्रिड एवं एफसी बार्सिलोना जैसे विश्व के शीर्ष क्लबों से खेलते हैं और उनका अनुभव क्रोएशिया को नॉकआउट स्तर तक पहुंचा सकता है।
लुका मोड्रिक एवं इवान रेकिटिक टीम का केंद्र बिंदू होंगे जबकि मटिओ कोवाचिक से भी क्रोएशिया के प्रशंसकों को दमदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी। गोल दागने की जिम्मेदारी इटली लीग की मौजूदा चैम्पियन जुवेंतस से खेलने वाले मारियो मांजुकिक पर होगी, वह अपने देश के लिए 82 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 30 गोल कर चुके हैं। इवान पेरीसिक भी टीम की जीत में अहम योगदान दे सकते हैं। टीम का डिफेंस हालांकि इस बार काफी कमजोर है। डेजान लोवरेन एवं वेद्रन कोलुर्का टीम में सबसे अनुभवी डिफेंडर हैं और उन्हें मैदान पर अधिक जिम्मेदारी से खेलना होगा।
दूसरी ओर, पिछले सात में से छह बार विश्व कप में हिस्सा ले चुकी नाईजीरिया में भले ही बड़े नाम न हो, लेकिन वह क्रोएिशया के लिए खतरा साबित हो सकती है। सुपर ईगल्स 2014 में अंतिम-16 तक पहुंचने में कामयाब रहे थे। तीन बार यह टीम अंतिम-16 में पहुंच पाई है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। विश्व कप के लिए भी क्वालीफाई करने में इस टीम को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। अल्जीरिया, जाम्बिया और कैमरून के सामने इस टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया और 14 अंकों के साथ विश्व कप में जगह बनाई।
टीम के कोच गेर्नोट रोहर की समस्या उसका कमजोर डिफेंस है जो निरंतरता की कमी से जूझत रहा है। कोच ने टीम की जिम्मेदारी युवा कंधों पर दी है। उन्होंने कई अच्छे खिलाड़ियों को टीम से बाहर रख युवाओं पर भरोसा जताया है। एलेक्स इवोबी, केलेची इहेनाचो और नदिदी मैरी की तिगड़ी पर काफी कुछ निर्भर करेगा। इन तीनों को अच्छी सोच और टीम को मानसिक तौर पर भी मजबूत रखना पड़ेगा।
डिफेंस टीम की कमजोरी है और ऐसे में मजबूत गोलकीपर का न होना टीम को और परेशानी में डाल सकता है। जॉन ओबी मिकेल टीम के स्टार खिलाड़ी हैं और कप्तान रहते हुए उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। उनके पास चैम्पियंस लीग, यूरोपा लीग और अफ्रीका कप ऑफ नेशंस का खिताब जीतने का अनुभव है। वह इस युवा टीम की रीढ़ की हड्डी कहे जा रहे हैं।
टीम:
क्रोएशिया: गोलकीपर- डेनिजेल सुबासिक, लोवरो कालिनीक और डोमिनीक लिवाकोविक।
डिफेंडर: वेद्रन कोलुर्का, डोमागोज विदा, इवान स्ट्रिनीक, डेजान लोवरेन, सिमे वसाल्जको, जोसिप पीवारिक, टिन जेडवेज, डुजे सालेटा कार।
मिडफील्डर: लुका मोड्रिक, मटिओ कोवाचिक, इवान रेकिटिक, मिलान बाडेल्ज, मासेर्लो ब्राजोविक और फिलिप ब्राडेरिक।
फॉरवर्ड: मारियो मांजुकिक, इवान पेरीसिक, निकोला कालिनीक, एंद्रेज करामारिक, मार्को पीजासा और एंटे रेबिक।
नाइजीरिया: गोलकीपर- फ्रांसिस यूझोहो, इकेचाुक्वु इजेनेवा, डेनियल अक्पेयी
डिफेंडर: विलियम ट्रस्ट-इकोंग, अबुदुल्लाही सेहु, टायरोने इबुएही, एल्डरसन इचेहिजीले, ब्रायन इडुवो, चिडजोई अवेजेइम, विलियम इकोंग, लियोन बालोगुन, केनेथ ओमेरेयु।
मिडफील्डर: जॉन ओबी मिकेल, ओगेनयी ओनाजी, विलफ्राइड नदिदी, ओगेनेकारो इटेबो, जॉन ओगु, जोएल ओबी।
फॉरवर्ड: हमद मुसा, केलेची इहेननाचो, विक्टर मोजेज, ओडियोन इघालो, एलेक्स इवोबी, सिमोने न्वान्को।