मडगांव: इंग्लैंड और अमेरिका फीफा अंडर-17 विश्व कप क्वार्टर फाइनल में कल शनिवार को यहां एक दूसरे का सामना करेंगे और इन दोनों की निगाहें आयु वर्ग की प्रतियोगिता में अपने रिकार्ड में सुधार करने में पर लगी रहेंगी क्योंकि चैंपियनशिप के लिये कई बार क्वालिफ़ाई करने के बावजूद वे अब तक चैंपियन नहीं बन पाये हैं।
अमेरिका का अंडर-17 विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ रिकार्ड 1999 में रहा जब वह चौथे स्थान पर रहा था। इंग्लैंड ने एक दशक पहले इस टूर्नामेंट में पदार्पण किया था और वह इस समय चौथी बार इसमें खेल रहा है। वह 2007 में क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था जहां जर्मनी ने उसे पराजित किया था।
मैक्सिको में 2011 में जर्मनी ने फिर से इंग्लैंड को बाहर का रास्ता दिखाया जबकि 2015 में चिली में इंग्लैंड नाकआउट चरण में पहुंचने में नाकाम रहा था। अब जबकि पिछली टीम में शामिल डैनी वेलबेक और रहीम स्टर्लिंग सीनियर स्तर पर पहुंच गये हैं और स्टार स्ट्राइकर जैडन सांचो अपने क्लब बोरूसिया डोर्टमंड की तरफ से खेलने चले गये, तब भी इंग्लैंड आगे बढ़ने की क्षमता रखता है।
इंग्लैंड के लिये यह मनोबल बढ़ाने वाली बात है कि वह आखिर में पेनल्टी शूटआउट के मिथक से पार पाने में सफल रहा। गोलकीपर कुर्टिस एंडरसन ने दबाव में अच्छा बचाव किया जिससे उनकी टीम जापान से जीतने में सफल रही। उसने यह मैच 5-3 से जीता। जापान के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल में सांचो की जगह लेने वाले एंजेल गोम्स को कैलम हडसन ओडोइ और फिलिप फोडेन को मध्यपंक्ति में अधिक रचनात्मक होने की जरूरत है।
अमेरिका की अग्रिम पंक्ति की त्रिमूर्ति जोस सार्जेंट, टिम वीयाह और आयो अकिनोला इंग्लैंड की रक्षापंक्ति के लिये समस्याएं पैदा कर सकते हैं। वीयाह पराग्वे के खिलाफ हैट्रिक बनाकर आत्मविश्वास से भरे हैं। जब आक्रमण की बात आती है तो अमेरिकी काफी तेज है और इंग्लैंड के रक्षकों टिमोथी इयोमा, जोएल लैटिबियुडियरे, मार्क गुएई और जोनाथन पैंजो को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा।
मैच शाम आठ बजे से शुरू होगा।