विश्व जगत में फुटबॉल की कर्ताधर्ता संस्था फीफा ने एक बड़ा फैसला लिया है। उसने पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन को अपनी लिस्ट से निलंबित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें पाकिस्तान के साथ चैड फुटबॉल एसोसिएशन पर भी बैन लगा दिया गया है।
फीफा ने ये बड़ा फैसला पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन और फीफा के बीच किसी अन्य पार्टी की दखलंदाजी के कारण लिया है। फीफा और बोर्ड के बीच अगर कोई तीसरी अन्य पार्टी अपनी टांग अड़ाती है तो ये फीफा के नियमों के सख्त खिलाफ होता है। यही कारण है कि अब पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन ( पीएफएफ ) को फीफा की तरफ से कोई भी आर्थिक साहयता नहीं मिलेगी।
इस तरह पाकिस्तान पर बैन लगाते हुए फीफा ने अपने अधिकारिक बयान में कहा, "पीएफएफ हेडक्वार्टर में कब्जे और अमान्य चुनावों के बाद ये बड़ा फैसला लिया गया है। पाकिस्तान फुटबॉल बोर्ड ने फीफा द्वारा बनाई गई कमेटी को किनारे कर दिया। जिसके अध्यक्ष हारून मालिक थे। इस तरह किसी तीसरे वर्ग की दखलंदाजी फीफा के नियमों के सख्त खिलाफ है। इसलिए हम ये फैसला लेने पर मजबूर हैं।"
पीएफएफ के नाम से पहचाने जाने वाले पाकिस्तान सॉकर महासंघ को तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण चार साल में दूसरी बार निलंबित किया गया जब पिछले महीने अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने संस्था के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया।
ये प्रदर्शनकारी अधिकारियों के समूह के बीच वर्षों की आंतरिक लड़ाई के बाद पाकिस्तान में खेल के संचालन के लिए फीफा द्वारा नियुक्त ‘नॉर्मलाइजेशन समिति’ का विरोध कर रहे थे। पीएफएफ मुख्यालय पर कब्जे के कारण पहले ही राष्ट्रीय महिला चैंपियनशिप में खलल पड़ गया है।
चाड को उस समय निलंबित किया गया जब इस अफ्रीकी देश की सरकार ने राष्ट्रीय सॉकर महासंघ को भंग करके खेल के संचालन के लिए नए अधिकारियों की नियुक्ति करने का प्रयास किया।
फीफा ने कहा है कि वे निलंबन तभी हटाएंगे जब सरकार अपने फैसले को रद्द करेगी और फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष को दोबारा अधिकार सौंपेगी।