नई दिल्ली। दो साल पहले हैम्बर्ग में हुई विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी इस बात से काफी खुश हैं कि उनके 57 किलो वर्ग के ज्यादातर दिग्गज मुक्केबाज इस बार बिग बाउट लीग में दिखाई देंगे और उन्हें इन सबसे मुकाबला करने का वह अनुभव मिलेगा, जो राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में नहीं मिल पाता। गौरव को दो दिसंबर से शुरू हो रही बिग बाउट लीग में बैंगलुरू ब्रावलर्स ने अपनी टीम में शामिल किया है। उन्हें गुजरात अडानी के मोहम्मद हसामुद्दीन, ओड़िसा वारियर्स के सचिन सीवाच, बॉम्बे बुलेट्स के कविंदर सिंह बिष्ट और नॉर्थ ईस्ट रहिनोस के मोहम्मद ईताश खान से मुकाबला करना है।
इसके अलावा पंजाब रॉयल्स की ओर से उज्बेकिस्तान के अब्बू मलिक खालाकोव के रूप में उनके सामने एक अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज की चुनौती होगी, जो पिछले साल के यूथ वल्र्ड और यूथ एशियन चैम्पयनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
गौरव ने कहा, "वल्र्ड सीरीज बॉक्सिंग में मैं इटैलियन थंडर्स और एक अन्य मौके पर यूएसए नॉकआउट से खेल चुका हूं। इटली की टीम से मुझे कजाकिस्तान के एक वल्र्ड रैंकिंग के खिलाड़ी को हराकर उलटफेर किया है। लीग में अपनी टीम की जीत के क्या मायने होते हैं, इसे मैं भली भांति जानता हूं और अपनी इसी लय को मैं बिग बाउट लीग में बरकरार रखने की पूरी कोशिश करूंगा।"
उन्होंने कहा, "बैंगलुरु ब्रावलर्स को चैम्पियन बनाना इस लीग में मेरा सबसे बड़ा उद्देश्य रहेगा और मुझे यकीन है कि लीग का अनुभव मेरे लए ओलंपिक क्वॉलिफाइंग मुकाबलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आधार तैयार करेगा।"
गौरव का कहना है कि अब्बू मलिक से खेलने का अनुभव भविष्य की प्रतियोगिताओं में उनके काम आएगा।
गौरव को मुक्केबाजी में लाने का श्रेय उनके पिता धर्मेंद्र बिधूड़ी को जाता है जो यूनिवर्सिटी स्तर के पदक विजेता बॉक्सर रहे हैं और वह दिल्ली के मदनपुर खादर में बिधूड़ी बॉक्सिंग क्लब चलाते हैं। उनकी देखादेखी में गौरव भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज बने हैं।
गौरव को अभी ओलंपिक में पदक जीतना है और उनका कहना है कि फरवरी में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप के लिए इस लीग से उन्हें अच्छी तैयारी मिल जाएगी।