कहते हैं 'अपने हक के लिए सहना नहीं, लड़ना जरुरी है' ऐसा ही पिछले कुछ दिनों में भारतीय महिला बॉक्सिंग में देखने को मिला है। हम बात कर रहें हैं जूनियर विश्व चैंपियन रह चुकी मुक्केबाज निखत जरीन की। निखत ने भी जब अपने हक के लिए आवाज उठाई तो उसकी गूंज हर तरफ सुनाई दी। यह विवाद तब पैदा हुआ जब निखत ने पिछले साल खेल मंत्रालय को एक पत्र लिखकर 51 किलो भार वर्ग में टोक्यो ओलंपिक के लिए ट्रायल की मांग कर दी। निखत की इस मांग के बाद भारतीय बॉक्सिंग में एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया।
इस विवाद ने तब और अधिक तूल पकड़ा जब पिछले साल 28 दिसंबर को निखत मैरी कॉम के खिलाफ ट्रॉयल मुकाबले के लिए रिंग में उतरीं। यह मैच मैरी कॉम के नाम रहा लेकिन अंत में एक ऐसी घटना हुई जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। मैच के बाद मैरी कॉम निखत को नजरअंदाज करते हुए रिंग से बाहर चली गईं जिसके बाद इस पर काफी हंगामा हुआ। हालांकि इस सभी विवाद को भुलाकर निखत ने इंडिया टीवी के साथ बातचीत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह अब इस साल होने वाली आगामी प्रतियोंगिताओं पर ध्यान लगाना चाहती हैं।
इस साल की अपनी तैयारियों को लेकर निखत ने कहा, ''इस साल की शुरुआत मैं स्ट्रेंडजा टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रही हूं जिसका आयोजन बुल्गारिया में हो रहा है। मेरा पूरा ध्यान अभी इसी प्रतियोगिता पर है क्योंकि अब इसमें काफी कम समय रह गया है। यह टूर्नामेंट 21 से 25 जनवरी के बीच खेला जाएगा जबकि टीम 19 जनवरी तक रवाना होगी।
भारतीय महिला बॉक्सिंग में 51 किलो भार वर्ग में अपने लिए चुनौती को लेकर उन्होंने कहा, ''इस कैटगेरी में बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा है। इस भार वर्ग में सीनियर के साथ-साथ यूथ वर्ग से भी कई सारे बॉक्सर हैं जो चुनौती पेश कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ''51 किलो भार वर्ग में 2018 की यूथ चैंपियन ज्योति गुलिया बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। वह बहुत ही प्रतिभाशाली बॉक्सर हैं, साथ ही पिंकी झांगरा बहुत तेजी के साथ उभरकर सामने आ रही हैं जो भविष्य में इस कैटगेरी में मेरे साथ आ सकती हैं।''
ओलंपिक क्ववालीफायर के ट्रायल मैच को लेकर भी निखत ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ''उस मैच में मैने अपना बेस्ट दिया था। बॉक्सिंग में जिस तरह से पॉइंट्स दिया जाता है उसी हिसाब से जज ने अपना फैसला सुनाया। हालांकि मैंने अपनी पूरी कोशिश की थी लेकिन फैसला मेरे हक में नहीं रहा।''
आपको बता दें कि ट्रायल मैच से पहले निखत और मैरी कॉम को इंडियन बॉक्सिंग लीग में भी एक दूसरे से भिड़ना था लेकिन चोट के कारण मैरी कॉम ने लीग से अपना नाम वापस ले लिया था जिसकी वजह से इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हो पाया।
हालांकि इस पर निखत ने कहा कि उन्हें इस बारे में सिर्फ इतना पता चला था कि वह बैक पेन की वजह से लीग से बाहर हुईं थी। इसके अलावा उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता।
ट्रायल मैच के बाद मैरी कॉम के रवैये को लेकर निखत ने कहा, ''मुझे अच्छा नहीं लगा जिस तरह मैच के बाद उनका रवैया था और उन्होंने भी इस बारे में अपना पक्ष रखा। अब मैं इस चीज से आगे निकल चुकी हैं और इसके बारे में नहीं सोचना चाहती।''
निखत और मैरी कॉम के बीच क्या है पूरा विवाद
दरअसल मैरी कॉम और निखत के बीच विवाद पिछले साल अक्टूबर में शुरु हुआ था। रूस में खेले गए विश्व महिला चैंपियनशिप में मैरी कॉम का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था और ओलंपिक क्वालीफायर के लिए उनका सबसे आगे ऊपर था लेकिन क्वालीफायर में सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों को सीधा प्रवेश मिलता है जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड या सिल्वर मेडल जीता हो।
इसी वजह से निखत ने यह मुद्दा उठाया कि 51 किलो भार वर्ग में टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर के लिए ट्रायल मैच करवाया जाए। निखत चाहती थीं कि टोक्यो ओलंपिक क्वालीफायर के लिए एक निष्पक्ष मुकाबले बाद सही प्रतिभागी को मौका मिले।