इस साल टोक्यों में खेलों के महांकुभ ओलंपिक का आयोजन होना है जिसके लिए पूरी दुनिया के शीार्षस्तरीय खिलाड़ी कड़ी मेहनत में जुटे हैं। ऐसे में जब ओलंपिक का आगाज होनें में 6 महीने से भी कम का समय बचा है तो भारतीय खिलाड़ियों ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। ओलंपिक की तैयारियों के मद्देनजर दुनियाभर के कई वर्ल्ड क्लास बैडमिंटन खिलाड़ी भारत में हो रही प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में हिस्सा ले रहे हैं जिसमें पीवी सिंधू, पारुपल्ली कश्यप, बी साई प्रणीत और ताई जु युंग जैसे शटलर शामिल हैं। साल 2016 में रियों में हुए ओलंपिक में भारत की झोली में 2 महिला खिलाड़ियों ने पदक हासिल किए थे जिसमें एक महिला शटलर पीवी सिंधु ने हासिल किया था। ऐसे में एक बार फिर टोक्यो ओलंपिक में सभी की उम्मीदें बैडमिंटन खिलाड़ियों पर लगी है।
वैसे तो भारत की महिला शटलर्स ने कई बड़े खिताब अपने नाम किए हैं लेकिन पुरुष खिलाड़ी उतने सफल नहीं हो पाए हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में किंदाबी श्रीकांत और पी कश्यप जैसे खिलाड़ियों ने अभूतपूर्व सुधार करते हुए विश्व स्तर पर अपना नाम बनाया है। यही नहीं, मौजूदा रैंकिंग में भारत के 3 पुरुष खिलाड़ी टॉप-25 में भी शामिल हैं। इन्ही खिलाड़ियों में से एक हैं पारुपल्ली कश्यप जिन्होंने पिछले कुछ सालों में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए शीर्ष 25 खिलाड़ियों में जगह बनाई है और वह अभी पीबीएल में मुंबई राकेट्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कई साल तक चोट से जूझने वाले कश्यप ने साल 2018 में ऑस्ट्रिया ओपन का खिताब जीतकर शानदार वापसी की थी। 3 साल बाद उन्होंने पहला इंटरनेशनल खिताब अपने नाम किया था। अब उनकी नजरे ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने पर टिकी है जिसकी तैयारियों को लेकर इंडिया टीवी ने उनसे एक्सक्लूजिव बातचीत की।
ओलंपिक की तैयारियों को लेकर पारुपल्ली कश्यप ने कहा, "मैं चीजों को बहुत सामान्य रख रहा हूं। ओलंपिक की तैयारी को देखते हुए मैं अपनी प्रैक्टिस और फिटनेस पर सबसे ज्यादा फोकस कर रहा हूं।"
मुंबई राकेट्स की तरफ से खेल रहे कश्यप ने देश में प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) जैसी लीग को शटलर्स के लिए काफी जरुरी बताया। कश्यप ने कहा, पीबीएल शटलर्स के लिए बहुत ही मददगार है क्योंकि यह आपको अंतरराष्ट्रीय मैचों के दबाव से दूर रखने और नए सिरे से शुरुआत करने में मदद करता है। यह एक शानदार अनुभव है जहां आप दुनिया भर के शीर्ष खिलाड़ियों के साथ खेलते हैं और नई चीजें सीखते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "पीबीएल बहुत ही अलग तरह का टूर्नामेंट है। इसमें हम सभी एक टीम के रुप में खेलते हैं और टीमों के बीच बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा हैं। पीबीएल में आपको नॉकआउट टूर्नामेंट के विपरीत खुद को फिर से साबित करने का मौका मिलता है।"
वर्ल्ड रैंकिंग में 25वें नबर पर काबिज कश्यप की नजरें इस समय ओलंपिक क्वालिफिकेशन पर टिकी है और ऐसे में दवाब का होना स्वभाविक है। उन्होंने कहा, "मैं ओलंपिक क्वालफिकेशन को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हूं। मैं सिर्फ क्वालिफाई ही नहीं करना चाहता बल्कि मेडल के लिए दावेदारी पेश करना चाहता हूं। मेरा पूरा ध्यान सिर्फ इसी पर है। इस समय दवाब का होना सामान्य है लेकिन मैं समय के साथ इससे निपटना सीख रहा हूं।"
पिछला एक साल भारतीय बैडमिंडन खिलाड़ियों के लिए भले ही निराशाजनक रहा हो लेकिन कश्यप को उम्मीद है कि सभी खिलाड़ी जल्द वापसी करेंगे। उन्होंने बताया, " उतार-चढ़ाव सभी के खेल का हिस्सा है। मुझे लगता है कि भारतीय खिलाड़ी चोटिल होने के साथ थोड़ा दुर्भाग्याशाली भी रहे और वे सभी जल्द ही वापसी करेंगे।"
गौरतलब है कि प्रीमियर बैडमिंटन लीग में लीग स्टेज के मुकाबले खत्म होने के की कगार पर है और इसके बाद 7 फरवरी से नॉक आउट स्टेज के मुकाबले खेले जाएंगे। अंक तालिका की बात करे तो इस बार मुंबई राकेट्स का प्रदर्शन काफी खराब रहा है और वह तालिका में आखिरी पायदान पर है। ऐसे में जब मुंबई के कप्तान पी कश्यप से इस बार टीम के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं पीबीएल में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हूं और इससे बेहतर कर सकता था। हमनें कई अहम पलों में मैच गंवाए और मुझे लगता है कि इससे सबक लेकर हम भविष्य में अच्छा करेंगे।"
पी कश्यप के लिए भले ही पीबीएल का 5वां सीजन काफी खराब रहो हो लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द वापसी करेंगे और ओलंपिक से पहले खेले जाने वाले अहम टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल करेंगे।