Friday, November 22, 2024
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Exclusive | कोरोना वायरस और टोक्यो ओलंपिक के स्थगन से दुती चंद के सामने खड़ी हुई ये दोहरी समस्या

भारत की स्प्रिंट रनर दुतीचंद ने बताया कि ओलंपिक ना होने और कोरोना जैसी महामारी से उनका 20 से 25 लाख रूपए तक का नुकसान हुआ है।

Written by: Shubham Pandey @21shubhamPandey
Updated on: April 12, 2020 15:53 IST
Tokyo Olympics 2020 Latest Update, Dutee Chand News in Hindi- India TV Hindi
Image Source : GETTY IMAGE Dutee Chand

कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में सभी प्रकार की खेल गतिविधियों पर विराम लगा हुआ है। जिसके चलते जो खिलाड़ी खेलों के महाकुंभ टोक्यो ओलंपिक कि तैयारी कर रहे थे वो अब घर पर बैठे हैं। इतना ही नहीं इस साल जुलाई में होने वाले ओलंपिक खेलों को अगले साल 2021 तक स्थगित भी कर दिया गया। ऐसे में कोरोना वायरस और ओलंपिक के स्थगन से कुछ खिलाड़ियों को लाभ तो कुछ को नुकसान भी हुआ है।

Indiatv.in से खास बातचीत में भारत की स्प्रिंट रनर दुतीचंद ने बताया कि ओलंपिक ना होने और कोरोना जैसी महामारी से उनका 20 से 25 लाख रूपए तक का नुकसान हुआ है। टोक्यो ओलंपिक 2020 गेम्स अब अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 में खेले जाएंगे। जिस पर दुती का मानना है कि ओलंपिक का आगे बढ़ना कुछ खट्टा व मीठा जैसा है।

कोरोना वायरस के चलते दुती की ओलंपिक तैयारियों को लगा झटका, क्वालीफिकेशन बना खतरा

दुती ने कहा, “ओलंपिक अब इस साल नहीं हो रहा है। जो कि ठीक है मगर इससे बहुत सारे एथलीट को फायदा होगा तो नुकसान भी होगा। जो क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं उन्हें एक और मौका मिलेगा। इस तरह देखा जाए तो मुझे भी समय मिल रहा है इसमें क्वालिफाई करने के लिए।”

100 मीटर दौड़ में ट्रैक पर फर्राटा भरके दौड़ने वाली दुती ने मिशन ओलंपिक की तैयारी को लेकर अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था। जिसके लिए वो पिछले काफी समय से तैयारी भी कर रही थी। मगर अब उनके सामने कोरोना वायरस के चलते एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है।

ट्विटर ने दुती चंद को रिकॉर्ड ब्रेकर के तौर पर सम्मानित किया

जिस पर दुती ने कहा, “मैं पिछले साल अक्टूबर से तैयारी कर रही थी। तबसे अभी तक मेरा 20 से 25 लाख रूपए तक खर्च हो चुका है। दूसरी बात ये हैं कि ओड़िशा सरकार अभी समर्थन दे रही है। मगर जितने भी प्राइवेट स्पॉन्सर थे जैसे कि कलिंगा युनिवर्सिटी और लालित होटल इनका करार भी ओलंपिक तक था। कोरोना के कारण इनके पास भी आर्थिक रूप से परेशानी होगी जिससे मुझे आगे मदद मिलना संभव नहीं है। इस तरह अगले साल तक कैसे ट्रेनिंग करना है इसको लेकर आर्थिक रूप से ज्यादा सोचना पड़ रहा है।''

एथलेटिक्स की ट्रेनिंग फैसिलिटी और उच्च स्तर के कम्पटीशन के लिए खिलाड़ियों को देश से बाहर रहकर भी काफी दिनों तक ट्रेनिंग करना होता है। ऐसे में कोरोना वायरस के कारण दुती का मानना है कि अब बाहर जाना भी सुरक्षित नहीं रहा है। दुती ने कहा, “ अब ज्यादातर ट्रेनिंग घर में ही रहकर करना पड़ेगा। जिसके लिए हैदराबाद और ओड़िशा दोनों सही जगह है। जहां मैंने पिछली बार भी ट्रेनिंग की थी। बस समस्या ये है कि यहाँ पर उच्च स्तर कि प्रतिस्पर्धा नहीं मिलती है जिससे खुद का आकलन करना बहुत मुश्किल हो जाता है।”

वहीं आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए जब दुती से देश की टॉप्स स्कीम ( यानि टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम ) के तहत मिलने वाली मदद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ मैं साल 2017 से इसके बारे में सरकर से गुहार लगाती आ रही हूँ। मगर सुनवाई नहीं हो रही है। एक से दो बार मैंने खेल विभाग से भी बात की है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।”

इस तरह देश जब भी कोरोना वायरस की गिरफ्त से आजाद होगा और धीरे-धीरे सभी खेल गतिविधियाँ आरम्भ होगी तब दुती के सामने दोहरी समस्या खड़ा हो जाएगी। पहली भारत में ही रहकर ट्रेनिंग करना दूसरी कही ना कहीं से आर्थिक संसाधन जुटाना, जिससे उनकी डाइट और मिशन ओलंपिक के ट्रेनिंग में कोई कमी ना आने पाए।

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