लंदन। पिछले 55 साल में पहली बार किसी बड़े खिताब का इंतजार कर रहे इंग्लैंड ने डेनमार्क को हराकर यूरोपीय फुटबॉल चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां उसका सामना इटली से होगा। एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए इंग्लैंड ने 2-1 से जीत दर्ज की। इस जीत के नायक उसके कप्तान हैरी केन रहे जिन्होंने 104वें मिनट में पेनल्टी बचा लिये जाने के बाद रिबाउंड शॉट पर विजयी गोल दागा।
वेम्बले स्टेडियम पर खेले गए इस रोमांचक मैच को डेनमार्क ने अतिरिक्त समय तक खींचा। अब रविवार को इंग्लैंड का सामना इटली से होगा। विश्व कप 1966 के बाद इंग्लैंड का यह पहला फाइनल है। इंग्लैंड की झोली में एकमात्र खिताब 1966 विश्व कप ही है। पिछले 55 साल में इंग्लैंड विश्व कप या यूरो चैम्पियनशिप में चार बार सेमीफाइनल हार चुका है। यह जीत उसके सारे मलाल और कसक मिटाने वाली साबित हो सकती है। उनमें से तीन 1990, 1996, 2018 उसने पेनल्टी शूटआउट में गंवाये थे।
दूसरी ओर टूर्नामेंट के पहले ही मैच में क्रिस्टियन एरिक्सन के मैदान पर गिरने के बाद से डेनमार्क के खिलाड़ियों ने उसके लिये खिताब जीतने का लक्ष्य रखा था। मैच दर मैच उनके प्रदर्शन में निखार आता गया। इस मैच में भी 30वें मिनट में मिक्केल डैम्सगार्ड ने गोल करके उसे बढ़त दिला दी।
साइमन जाएर ने नौ मिनट बाद आत्मघाती गोल करके इंग्लैंड को बराबरी का मौका दे दिया। इसके बाद अतिरिक्त समय के दूसरे हाफ में डेनमार्क को दस खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा जब यानसेन चोट के कारण बाहर हो गए। उस समय तक डेनमार्क सभी सब्स्टीट्यूट इस्तेमाल कर चुका था।