Sunday, December 22, 2024
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ब्यूनस आयर्स में इतिहास रचने के बाद सुमित नागल का छलका दर्द, कहा- अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी अकेला हूं

यूएस ओपन में दिग्गज रोजर फेडरर को टक्कर देने वाले भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि अब उन्हें आर्थिक तौर पर समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उन से दूर भाग रहे हैं।

Reported by: Bhasha
Updated : September 30, 2019 16:11 IST
ब्यूनस आयर्स में...
Image Source : INSTAGRAM ब्यूनस आयर्स में इतिहास रचने के बाद सुमित नागल का छलका दर्द, कहा- अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी अकेला हूं

नई दिल्ली। अपने दमदार खेल से यूएस ओपन में दिग्गज रोजर फेडरर को टक्कर देने वाले भारतीय खिलाड़ी सुमित नागल ने कहा कि अब उन्हें आर्थिक तौर पर समर्थन की जरूरत है लेकिन लोग उन से दूर भाग रहे हैं।

नागल ने यूएस ओपन के बाद चैलेंजर सर्किट के दो टूर्नामेंटों के फाइनल में जगह बनायी। रविवार को ब्यूनस आयर्स चैलेंजर को जीतने वाले 22 साल के इस खिलाड़ी ने एटीपी रैंकिंग में 26 स्थानों का सुधार किया और 135वें पायदान पर पहुंच गये। वह रैंकिंग में प्रजनेश गुणेश्वरन (84) के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ भारतीय खिलाड़ी हैं।

पैसों की कमी के कारण अर्जेंटीना में खेले गये चैलेंजर टूर्नामेंट में उनके साथ ना तो कोच थे और ना ही फिजियो। नागल ने ब्यूनस आयर्स से पीटीआई से कहा, ‘‘ मैं यहां अकेले था। मेरी मदद के लिए कोई भी यहां मौजूद नहीं था। एक तरफ यह अच्छा है कि मैं बेहतर टेनिस खेल रहा हूं लेकिन यह आसान नहीं है और मैं बहुत निराश हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यूएस ओपन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी मैं अकेला हूं। 22 साल की उम्र में मैंने मुख्य ड्रॉ में जगह बनायी और फेडरर को एक सेट में हराया लेकिन इसका कुछ असर नहीं हुआ। यह काफी निराशाजनक है कि टेनिस में निवेश करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।’’

नागल ने कुछ समय के लिए सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टाप्स) में जगह बनायी। इस योजना में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्हें हालांकि बाद में इससे बाहर कर दिया गया। इस योजना में ओलंपिक में पदक की संभावना वाले खिलाड़ियों को 50,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अब केवल युगल विशेषज्ञ रोहन बोपन्ना और दिविज शरण को ही टाप्स के माध्यम से समर्थन मिल रहा है।

इस योजना का लाभ देश के किसी भी एकल टेनिस खिलाड़ी को नहीं मिल रहा है। नागल की प्रतिभा की पहचान करने वाले कई बार के ग्रैंड स्लैम विजेता महेश भूपति कहा कि अगर नागल के स्तर के खिलाड़ी को समर्थन नहीं मिलता है तो यह पूरी प्रणाली की विफलता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ सुमित साफ तौर से एक विशेष प्रतिभा है और पिछले छह महीने में उसका प्रदर्शन यह दर्शाता है। जब आप उनके जैसी प्रतिभा को देखते हैं जिन्हें आने वाले ओलंपिक या उसके बाद के ओलंपिक के लिये समर्थन नहीं मिलता है तो मैं इसे पूरी प्रणाली की बड़ी विफलता मानता हूं।’’

नागल को विराट कोहली फाउंडेशन से समर्थन मिलता है लेकिन इससे टेनिस खिलाड़ी की सभी जरूरते पूरी नहीं होती। नागल ने कहा, ‘‘कोहली की संस्था अच्छा खर्च कर रही है लेकिन यह टेनिस खिलाड़ी के सभी खर्चों को पूरा नहीं करता। शीर्ष 100 खिलाड़ियों को कोच, फिटनेस, फिजियो की जरूरत होती है। नागल जैसे खिलाड़ी को सालाना खर्च के लिए लगभग दो लाख 20 हजार यूरो (लगभग डेढ़ करोड़ रुपये) की जरूरत होती है।

झज्जर के इस खिलाड़ी ने कहा कि रैंकिंग में शीर्ष 100 के करीब पहुंचने के बाद भी उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा पास अभी भी उतना ही बजट है जितना 2018 में था लेकिन उस समय मेरी रैंकिंग 350 थी। अभी मुझे सबसे ज्यादा समर्थन की जरूरत है। लोग मुझे से मुंह मोड़ रहे हैं।’’ 

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