टोक्यो ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 7-1 से मिली करारी हार ने हमको जगाने का काम किया। ये शब्द हैं भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड और टोक्यों में टीम को ब्रॉन्ज मेडल जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले सिमरन जीत सिंह के, जिन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जर्मनी जैसी मजबूत टीम के खिलाफ 2 शानदार गोल दागे। सिमरन जीत सिंह ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबले को भारतीय हॉकी टीम के लिए टोक्यो ओलंपिक में टर्निंग पाइंट करार दिया।
सिमरन जीत सिंह ने इंडिया टीवी से कहा, "ऑस्ट्रेलिया से मिली हार हमारे लिए एक वेकअप कॉल थी। हम कफंर्ट जोन में थे। इसके बाद जब हम कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर खेलने लगे तो अच्छा प्रदर्शन करने लगे।"
ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार झेलने के बाद कोच ग्राहम रीड से मिले सबक के बारें में सिमरनजीत ने बताया, कोच ने हमसे कहा कि यहां ये उम्मीद न करें कि कोई भी टीम आपको आसानी से खेलने देगी। ये ओलंपिक हैं और यहां कोई भी आसानी से मेडल नहीं जीतने देगा। इसके लिए आपको अपने कंफर्ट जोन से बाहर आना पड़ेगा और अपना बेस्ट से बेस्ट देना पड़ेगा, तब जाके हमें ये ओलंपिक मेडल मिलेगा।"
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ओलंपिक में 41 साल बाद पोडियम फिनिश करने वाली भारतीय हॉकी टीम के आगे के लक्ष्य के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिमरनजीत ने कहा, "हमारा आने वाले बड़े टूर्नामेंट पर पूरा फोकस है जैसे- ओडिशा में होने वाला 2023 वर्ल्ड कप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स।"
गौरतलब है कि सिमरनजीत सिंह का एक समय टोक्यो ओलंपिक की भारतीय हॉकी टीम में चुना जाना मुश्किल लग रहा था, लेकिन बाद में सिमरनजीत ने न केवल टीम में जगह बनाई बल्कि अपने शानदार खेल से भारतीय टीम को मेडल जिताने में अहम भूमिका भी अदा की। टोक्यो ओलंपिक में सिमरनजीत भारत की ओर से तीसरे सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी रहे। उनकी स्टिक से 3 गोल निकले जिसमें से 2 गोल ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में आए।
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