अलमाटी (कजाखस्तान)| ओलंपिक टिकट हासिल कर चुके पहलवान दीपक पूनिया रविवार को एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के 86 किग्रा के फाइनल में अपने आदर्श और ईरान के महान पहलवान हजसान याजदानी से हार गये जिससे उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा जबकि टूर्नामेंट के आखिरी दिन संजीत ने कांस्य पदक अपने नाम किया।
फाइनल में ईरानी पहलवान के आक्रमण और दांव का 22 साल के दीपक के पास कोई जवाब नहीं था और याजदानी ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर जीत दर्ज कर ली। यह दूसरी बार था जब दीपक को 2016 के ओलंपिक चैम्पियन और दो बार के विश्व चैम्पियन के खिलाफ रिंग में उतरने का मौका मिला लेकिन उन्होंने पहली बार याजदानी को चुनौती पेश की।
इससे पहले 2019 विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में पैर के चोट के कारण दीपक इस पहलवान से नहीं भिड़े थे। रविवार को पदक हासिल करने वाले भारतीय पहलवानों में संजीत भी रहे। उन्होंने 92 किग्रा वर्ग में उजबेकिस्तान के रूस्तम शोदैव को कांस्य पदक मुकाबले में 11-8 से हराया।
इस मुकाबले में एक समय उनकी बढ़त 11-2 की थी लेकिन उज्बेकिस्तान के पहलवान ने वापसी करते हुए हार के अंतर को कम किया। भारत ने इस प्रतियोगिता के पुरुष फ्री-स्टाइल में कुल सात पदक हासिल किये जिसमें इकलौता स्वर्ण पदक रवि दाहिया (57 किग्रा) के नाम रहा। रविन्दर (61 किग्रा) कांस्य पदक प्लेऑफ में किर्गिस्तान के इक्रोमझोन खड्झिमुआरोदोव से हार गये। इससे पहले इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीतने वाले दीपक ने कोरिया के ग्वानुक किम के खिलाफ 2-0 की जीत के साथ फाइनल में जगह पक्की की।
किम ने कई बार उनके पैर पर हमला कर पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन दीपक के शानदार बचाव ने प्रतिद्वंद्वी के हर आक्रमण को विफल कर दिया। विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य के साथ अपना ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले इस भारतीय पहलवान ने अपने दोनों अंक अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शानदार सहनशक्ति दिखा कर हासिल किये। उन्होंने इससे पहले उज्बेकिस्तान के ईसा शापिएव (9-2) और ताजिकिस्तान के बखोदुर कोडिरोव (4-3) को हराया था।
रविन्दर ने 61 किग्रा में ईरान के माजिद अलमास दास्तान के खिलाफ 4-3 की जीत से अपने अभियान को शुरू किया लेकिन सेमीफाइनल में वह कजाखस्तान के अदलन अकारोव 4-7 से हार गये। जिसके बाद उनके पास कांस्य पदक जीतने का मौका था लेकिन वह असफल रहे। संजीत ने जापान के रयोइची यामानाका के खिलाफ 9-4 की प्रभावशाली जीत दर्ज की लेकिन ईरान के कामरान घोरबन घसापोर की चुनौती का सामना नहीं कर सके।
ईरान के खिलाड़ी ने उन्हें तकनीकी श्रेष्ठता से पछाड़ दिया। घसापोर के फाइनल में पहुंचने के कारण उन्हें कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करने का मौका मिला। सुमित मलिक (125 किग्रा) और 74 किग्रा के राष्ट्रीय चैम्पियन संदीप सिंह मान का अभियान हालांकि पदक दौर तक पहुंचने से पहले ही खत्म हो गया। संदीप को क्वार्टर फाइनल के करीबी मुकाबले में तुर्कमेनिस्तान के अतामीरत चार्लीयेव से 4-5 से जबकि सुमित अंतिम आठ में स्थानीय खिलाड़ी ओलेग बोल्टिन से 1-7 से हार गए।