मुंबई। भारत चाहता है कि विश्व तीरंदाजी और अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) अंतिम पैरालंपिक क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में उपलब्ध कोटा स्थानों को रद्द किया जाए क्योंकि देश की टीम को प्रतियोगिता में भाग लेने और टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका नहीं दिया गया है। टीम को नोव-मेस्टो, चेक गणराज्य में होने वाले अंतिम पैरालंपिक योग्यता और विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट से हटना पड़ा, क्योंकि भारत में कोविड-19 महामारी के प्रसार के कारण इसके खिलाड़ियों वीजा से वंचित कर दिया गया था।
शीर्ष महिला कंपाउंड तीरंदाज ज्योति बलियान और पांच अधिकारियों सहित छह तीरंदाजों को 3 से 10 जुलाई तक होने वाले कार्यक्रम में भाग लेना था। हालांकि, चेक गणराज्य ने भारत और ब्राजील के पैरा तीरंदाजों को वीजा जारी नहीं किया था। उनके स्वास्थ्य और विदेशी मामलों के मंत्रालयों द्वारा उन्हें अत्यधिक उच्च जोखिम वाले देशों के रूप में चिह्न्ति किया गया था।
खेल मंत्रालय ने नई दिल्ली में 2019 आईएसएसएफ विश्व कप के मामले का हवाला दिया है, जिसे दो कोटा स्थानों से वंचित कर दिया गया था क्योंकि दो पाकिस्तानी निशानेबाजों को भारतीय वीजा उपलब्ध नहीं कराया गया था। आईओसी ने उस आयोजन में उपलब्ध होने वाले 16 में से दो कोटा स्थानों को खत्म कर दिया था।
खेल मंत्रालय चाहता है कि उसी मानदंड को लागू किया जाए क्योंकि चेक गणराज्य ने भारतीय पैरा तीरंदाजों को प्रतिस्पर्धा करने और टोक्यो में अपनी बर्थ हासिल करने का मौका नहीं दिया था।