लंदन। कोरोनावायरस का कहर पूरी दुनिया पर है ऐसे में डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने इसका सहारा लेकर खिलाड़ियों को धोखाधड़ी करने के प्रति चेतावनी जारी की है। वाडा के अध्यक्ष विटोल्ड बांक कहा कहना है कि अगर खिलाड़ी ऐसा करते हैं तो वह अपने साथ धोखा कर रहा होगा। कोरोना वायरस के कारण शारीरिक परीक्षण रुक सकते हैं लेकिन वाडा और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसियों के पास दूसरे साधन हैं जिनका उपयोग वह डोपिंग को रोकने के लिये कर सकती है।
कनाडा और रूस ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की है कि वे डोप परीक्षण के कार्यक्रमों को निलंबित कर रहे हैं जबकि ब्रिटिश डोपिंग रोधी एजेंसी ने परीक्षणों में काफी कमी कर दी है। बांका ने पोलैंड में अपने घर से फोन पर एएफपी से कहा, ‘‘कोविड-19 खिलाड़ियों को धोखाधड़ी का मौका नहीं देता है। उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि यह धोखा देने का समय है। अन्यथा डोपिंग रोधी एजेंसियां उन्हें पकड़ने के लिये अपने अन्य साधनों का उपयोग करेंगी। ’’
पोलैंड के पूर्व खेल मंत्री 35 वर्षीय बांका ने एक जनवरी को क्रेग रीडी की जगह अपना पद संभाला था। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह महामारी जल्द ही समाप्त हो जाएगी और परीक्षण पूर्व की तरह शुरू कर दिये जाएंगे। इस बीच वाडा खिलाड़ियों पर नजर रखने के लिये अन्य उपायों पर भी गौर करेगी।
बांका ने कहा, ‘‘परीक्षण ही हमारा एकमात्र साधन नहीं है, हमारे पास दूसरे उपाय भी हैं। खिलाड़ियों का जैविक पासपोर्ट है जिसमें खिलाड़ियों के बारे में सारी जानकारी होती है। इसके अलावा खिलाड़ियों के नमूनों का दीर्घकालिक विश्लेषण करने की व्यवस्था है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम उनका परीक्षण करने के लिये नहीं जा सकते हैं तो तब भी वे अपने ठिकाने के बारे में हमें बताने के लिये बाध्य हैं। ’’
बांका ने हालांकि कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना वायरस को रोकना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘डोपिंग रोधी अभियान लोगों के जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। ’’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 400 मीटर के पूर्व धावक बांका ने कहा कि वह दुनिया के शीर्ष खेल संगठनों से लगातार वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा कर रहे हैं। इन संगठनों में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठन भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनके लिये दिशा निर्देश जारी किये हैं जिनमें उन सभी क्षेत्रों का जिक्र किया गया है जो कोविड-19 के कारण प्रभावित हो सकते हैं। ’’