चेन्नई,। ‘आपको अपने प्रदर्शन में सुधार के लिये विदेशों में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हर हाल में भाग लेना चाहिए।’ पीटी ऊषा जब 1982 में पहली बार मिल्खा सिंह से मिली थी तो तब उड़न सिख ने यह सलाह उन्हें दी थी। मिल्खा सिंह का शुक्रवार की रात निधन हो गया था। ऊषा ने इस दिग्गज एथलीट से कोरिया में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान हुई मुलाकात को याद किया।
ऊषा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं मिल्खा जी से पहली बार 1982 में मिली थी और यह यादगार मुलाकात थी। उन्होंने मुझे प्रदर्शन में सुधार करने के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर ध्यान देने की सलाह दी थी। ’’ उड़न परी ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे कहा, जाओ और देश के बाहर दौड़ो। तभी तुम सुधार कर सकती हो और विदेशी एथलीटों को चुनौती दे सकती हो। ’’
पयोली एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर ऊषा ने कहा कि उनके कोच ओ एम नांबियार ने मिल्खा सिंह से उनका परिचय कराया था और वह कभी उनसे गुर सीखने में पीछे नहीं रही। ऊषा ने कहा, ‘‘जब से मेरे कोच ने मिल्खा जी से मेरा परिचय करवाया तो फिर मैं उनसे कई सवाल करती थी और वह हमेशा उनका जवाब देने के लिये तैयार रहते थे। वह सुझाव देते थे और प्रेरणादायी अंदाज में बात करते थे। ’’
मिल्खा सिंह का कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हुआ और ऊषा ने कहा कि वह करोड़ों भारतीयों के दिलों में बसे रहेंगे। इस 56 वर्षीय एथलीट ने कहा, ‘‘मिल्खा सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा सदमा लगा। वह महान एथलीट थे। वह प्रेरणादायी व्यक्ति थे। वह प्रेरणास्रोत बने रहेंगे और करोड़ों भारतीयों के दिलों में रहेंगे। वह मुझे पीटी कहकर बुलाते थे। वह जब भी मुझसे मिलते थे मेरे पति, बेटे और अकादमी के बारे में पूछते थे।’’