बेंगलुरू। भारतीय हॉकी की टीम के युवा स्ट्राकर दिलप्रीत सिंह ने खुलासा किया कि जूनियर ट्रेनिंग शिविर के दौरान मुख्य कोच ग्राहम रीड से बातचीत ने उन्हें कड़ी मेहनत के लिये प्रेरित किया जिससे उन्होंने सीनियर टीम में अपना स्थान हासिल किया। विश्व कप 2018 में निराशाजनक अभियान के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था।
उन्होंने 2018 में सीनियर भारतीय टीम में पदार्पण किया और उनकी प्रतिभा देखकर उन्हें भारतीय हॉकी में भविष्य का बढ़िया खिलाड़ी माना जा रहा था। लेकिन भुवनेश्वर में एआईएच पुरूष विश्व कप में सामान्य प्रदर्शन के बाद दिलप्रीत को जूनियर टीम में भेज दिया गया। पिछले साल सुल्तान जोहोर कप में भारतीय जूनियर टीम के रजत पदक जीतने वाले प्रदर्शन में उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी।
उन्होंने कोच से बातचीत को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं जूनियर राष्ट्रीय शिविर में था, तभी मुख्य कोच ग्राहम (रीड) ने मुझे ट्रेनिंग करते हुए देखा और मुझसे अकेले में बात की। ’’ दिलप्रीत ने स्वीकार किया कि पिछले साल रीड के साथ बैठक ने ही उनकी सीनियर टीम में वापसी सुनिश्चित करायी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब वह मुझसे मिले, तो उन्होंने मेरे बारे में जानने में काफी समय बिताया कि मैं हॉकी में कैसे आया और वह मेरे गेम के बारे में जानना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझे विश्व कप में देखा था। ’’ दिलप्रीत ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि अगर सीनियर टीम में वापसी करना चाहते हो तो कड़ी मेहनत करो। उन्होंने कहा अपना रवैया सुधारो और गेम में अनुशासित होने के साथ अपने फिटनेस स्तर पर काम करो। मुख्य कोच से बातचीत के बाद मेरा आत्मविश्वास और उम्मीद बढ़ी।’’