अंतरराष्ट्रीय महासंघ द्वारा डोपिंग के आरोपों से बरी राष्ट्रमंडल खेलों की दोहरी स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक संजीता चानू दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अर्जुन पुरस्कार की दौड़ में शामिल हो सकती है।
तीन साल पहले अर्जुन पुरस्कार के लिये अनदेखी होने पर संजीता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी जिसमें पुरस्कार समिति के फैसले को चुनौती दी गई थी।मामले की सुनवाई के दौरान ही मई 2018 में उसे प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया । अदालत ने हालांकि अगस्त 2018 के फैसले में पुरस्कार समिति से उसके नाम पर अर्जुन पुरस्कार के लिये गौर करने को कहा और फैसला सीलबंद लिफाफे में रखने को कहा । भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने बुधवार को खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर अदालत के फैसले पर अमल का आग्रह किया।
पत्र में कहा गया,‘‘अब अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने संजीता को क्लीन चिट दे दी है तो 30 अगस्त 2018 के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले पर अमल होना चाहिये और संजीता को 2017 के लिये अर्जुन पुरस्कार दिया जाना चाहिये ।’’ महासंघ के एक सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि संजीता के मामले पर जल्दी ही गौर किया जायेगा ।