मौजूदा विश्व चैंपियन और तोक्यो ओलंपिक में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार क्रिस्टियन कोलमैन ने कहा कि डोपिंग परीक्षकों के केवल एक फोन से उनके ठहरने के स्थान को लेकर बनी गलतफहमी को दूर किया जा सकता था जिसके कारण उन पर निलंबन का खतरा मंडरा रहा है। इस 24 वर्षीय अमेरिकी फर्राटा धावक ने तीसरी बार डोपिंग परीक्षण नहीं करवाने को लेकर ट्विटर पर विस्तार से जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि नौ दिसंबर को पिछले 12 महीनों में तीसरा अवसर था जबकि वह परीक्षण नहीं करा पाये जिससे उनका निलंबन हो सकता है। इससे पहले वह 16 जनवरी 2019 और 26 अप्रैल 2019 को भी परीक्षण के लिये उपस्थित नहीं हो पाये थे।
कोलमैन ने कहा कि उन्होंने नवीनतम परीक्षण के लिये उपस्थित नहीं हो पाने के बारे में ‘एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट’ को बताया है। उन्होंने कहा कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि नौ दिसंबर 2019 को कोई उनके घर पर आया था और अगर उन्हें फोन किया जाता तो वह उस दिन अपने आवास से पांच मिनट की दूरी पर एक मॉल में क्रिसमस की खरीदारी कर रहे थे और तुरंत ही घर पहुंच जाते।
उन्होंने इस पर संदेह जताया है कि डोपिंग परीक्षण के लिये टीम उनके आवास पर नहीं आयी थी। कोलमैन ने कहा , ‘‘उन्होंने (डोपिंग परीक्षण करनेव वाले) कहा कि घर में दरवाजे की घंटी नहीं बज रही थी तो उन्होंने मुझे फोन क्यों नहीं किया। उन्हें मुझसे संपर्क करने के लिये क्यों नहीं कहा गया। उसने गलत पता डाला है तो क्या पता मेरे घर पर आया भी था या नहीं। ’’