नई दिल्ली। सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारत की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी के अलावा पुरुष एकल खिलाड़ी समीर वर्मा को मंगलवार को भारतीय बैडमिंटन संघ ने (बीएआई) द्वारा अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया। विश्व रैंकिंग में 10वें पायदान पर काबिज सात्विक और चिराग की जोड़ी की तोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की प्रबल संभावना है।
उन्होंने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया और थाईलैंड ओपन में अपना पहला सुपर 500 टूर्नामेंट जीता । यह जोड़ी फ्रेंच ओपन सुपर 750 टूर्नामेंट की उपविजेता रही। इस जोड़ी ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने पुरुषों की युगल में रजत पदक जीता था।
समीर 2011 में हांगकांग ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। उनके लिए पिछला साल उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन उन्होंने 2018 में शानदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान वह करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 11वें स्थान पर भी पहुंचे थे। इस दमदार प्रदर्शन से वह बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स 2018 में जगह बनाने में सफल रहे और सेमीफाइनल में पहुंचे। बीएआई ने इसके अलावा द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए प्रसिद्ध राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) के प्रमुख प्रशिक्षक एस मुरलीधरन और भास्कर बाबू को नामित किया।
मुरलीधरन ने विमल कुमार, रूपेश कुमार और सानवे थॉमस जैसे कई अन्य प्रसिद्ध पूर्व खिलाड़ियों को कोचिंग दी है। उन्हें 1996 में विश्व बैडमिंटन संघ ने ‘मेरिटोरियस सर्विस अवार्ड’ से सम्मानित किया था। पूर्व भारतीय कोच, बाबू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के हैदराबाद केंद्र में चेतन आनंद, साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप को प्रशिक्षित किया है। वह अब सिकंदराबाद में युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे है।
राष्ट्रीय महासंघ ने ध्यानचंद पुरस्कार के लिए प्रदीप गांधे और मंजूसा कंवर को नामित किया है। एशियाई खेलों में दो बार के कांस्य पदक विजेता गांधे खेल से संन्यास लेने के बाद खेल-प्रशासन में चले गए और महाराष्ट्र बैडमिंटन संघ (एमबीए) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
दक्षिण एशियाई खेलों की रजत पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रही मंजूसा घरेलू सर्किट में कई बार राष्ट्रीय चैम्पियन रहीं। वह अब इंडियन ऑयल के साथ ‘स्पोर्ट्स प्रमोटर’ के रूप में अपनी वर्तमान भूमिका में खिलाड़ियों को बढ़ावा देती है। बीएआई ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा,‘‘ हमने खेल मंत्रालय को सिफारिशें भेजने से पहले पिछले चार वर्षों के दौरान एथलीटों और कोचों के प्रदर्शन का बारीकी से आकलन किया है।’’