भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को चैम्पियंस ट्रॉफी के अपने दूसरे मुकाबले में ओलम्पिक विजेता अर्जेंटीना को 2-1 से मात देकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की। पहले मुकाबले में उसने शनिवार को ही चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-0 से मात दी थी। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह और मनदीप सिंह ने गोल किए। अर्जेंटीना के लिए गोंजालेज पेलिएट ने एकमात्र गोल किया। भारत के वरिष्ठ खिलाड़ी सरदार सिंह का ये 300वां अंतर्राष्ट्रीय मैच था।
पहले क्वार्टर की शुरुआत दोनों टीमों ने धीमी की और किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं दिखीं। भारत ने हालांकि धीरे-धीरे अर्जेटीना के घेरे में जाना शुरू किया। उसे चौथे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिल सकता था जिसे अर्जेंटीना ने रेफरल लेकर नकार दिया। अर्जेंटीना कुछ देर बाद लय में आई और उसे 11वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिसे उसने गंवा दिया। पहले क्वार्टर का अंत बिना गोल के हुआ।
दूसरे क्वार्टर में 17वें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने गोल में बदल कर अपनी टीम को 1-0 की बढ़त दिलाने में कोई गलती नहीं की। अगले ही मिनट भारत ने एक और मौका बनाया लेकिन अर्जेंटीनी डिफेंस ने एस.वी सुनील को रास्ते में ही रोक दिया। 20वें मिनट में अर्जेंटीना ने लगभग गोल कर ही दिया था जिसे श्रीजेश ने नकार दिया। अर्जेंटीना बराबरी का गोल करने को बेताब दिख रहा था। इसी बीच भारत ने 28वें मिनट में गोल कर उसकी परेशानी को और बढ़ा दिया। ये गोल मनदीप ने दिलप्रीत को पास पर किया।
अर्जेंटीना को अगले मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार गोंजालेज गोल करने में कामयाब रहे। दूसरे क्वार्टर के अंत तक स्कोर भारत के पक्ष में 2-1 था। तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में दोनों टीमें धीमा खेल खेल रही थीं, लेकिन अंत तक आते दोनों ने कुछ अच्छे मूव बनाए। 41वें मिनट में मनदीप के पास वन टू वन चांस में गोल करने का आसान मौका था, लेकिन वह जब तक गेंद को नेट में डाल पाते उससे पहले ही अर्जेंटीना के दो डिफेंडरों ने उनका रास्ता रोक दिया।
अर्जेंटीना की कोशिश पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने की थी जिसमें 43वें मिनट में वह सफल रही। हालांकि वह इस मौके पर बराबर का गोल नहीं कर पाई। अगले ही मिनट दिलप्रीत ने भारत के लिए मौका बनाया। दिलप्रीत, मनदीप और ललित साथ मिलकर भी गेंद को नेट में नहीं डाल पाए। इसी दौरान सुरेंद्र कुमार को ग्रीन कार्ड मिला और उन्हें बाहर जाना पड़ा। आखिरी क्वार्टर में अर्जेंटीना बराबरी की कोशिश में था। इसी कारण वो आक्रमक खेल खेल रहा था बावजूद इसके वो दूसरा गोल नहीं कर सका। उसने हालांकि भारत को तीसरा गोल करने से महरूम भी रखा।