मोहम्मद सालाह और डिवोक ओरीगी के गोलों की मदद से लीवरपूल ने शनिवार को यहां के वांदा मेट्रोपोलिटन स्टेडियम में खेले गए चैम्पियंस लीग फाइनल मुकाबले में टाटेनहम हाट्सपर को 2-0 हरा दिया। लीवरपूल ने छठी बार फुटबाल की इस प्रतिष्ठित ट्राफी पर कब्जा जमाया है।
चैम्पियंस लीग के इतिहास में यह दूसरा मौका था जब इंग्लैंड के दो क्लबों के बीच फाइनल खेला गया। टाटेनहम जहां पहली बार यूरोप के इस सबसे प्रतिष्ठित क्लब खिताब के लिए प्रयासरत था, वहीं लीवरपूल को छठे खिताब का इंतजार था।
इस क्रम में सफलता लीवरपूल को मिली क्योंकि उसके सबसे करिश्माई खिलाड़ी मोहम्मद सालाह ने दूसरे मिनट में ही हासिल पेनाल्टी को गोल में बदलकर अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। मध्यांतर तक यही स्कोर रहा।
इसके बाद टाटेनहम ने बराबरी का गोल करने की पुरजोर कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इस क्रम में उसने हालांकि लीवरपूल को भी गोल करने से रोके रखा लेकिन रेगुलेशन टाइम से तीन मिनट पहले ओरीगी टाटेनहम की रक्षापंक्ति में सेंध लगाने में सफल रहे।
जोएल माटिप की मदद से 87वें मिनट में गोल कर ओरीगी ने टाटेनहम की वापसी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और अपनी टीम की जीत पक्की कर दी।
जुर्गेन क्लाप की टीम लगातार दूसरे साल फाइनल में पहुंची थी। बीते साल कीव के मेट्रोपोलिटन स्टेडियम में उसे रियल मेड्रिड के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में सालाह रियल के कप्तान सर्गियो रामोस द्वारा गलत तरीके से टैकल किए गए थे और इस कारण वह आगे नहीं खेल सके थे।
इस साल हालांकि सालाह ने मैदान पर आते ही गोल कर अपनी टीम को छठी बार चैम्पियन बनाने की कहानी लिख दी। लीवरपूल ने 2005 के बाद यह खिताब जीता है। उसने इससे पहले 1977, 1978, 1981, 1984, और 2005 में चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था।
रियल ने चैम्पियंस लीग खिताब सर्वाधिक 13 बार जीता है। इटली के क्लब एसी मिलान ने सात बार जीता है जबकि तीसरे नम्बर पर लीवरपूल आ गया है। इस जीत के साथ लीवरपूव ने बायर्न म्यूनिख और एफसी बार्सिलोना (दोनों 5-5) बार को पीछे छोड़ दिया है।