नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि भारत को एशियाई देशों में शीर्ष दस में जगह बनाने को लक्ष्य लेकर चलना चाहिए और इसे वास्तविकता में बदलने के लिये युवा खिलाड़ियों को आगे आना होगा। छेत्री ने कहा कि अगर खिलाड़ियों का एक समूह अच्छा प्रदर्शन करता है तो वह जूनियर खिलाड़ियों के लिये उदाहरण पेश कर सकते हैं जो इसके बाद अपने सीनियर से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे और इस पूरी प्रक्रिया से टीम को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
उन्होंने एआईएफएफ टीवी से लाइव चैट में कहा, ‘‘वर्तमान भारतीय फुटबाल में आप राष्ट्रीय टीम को एशिया में शीर्ष दस में देखना चाहते हो। इसके लिये यह जरूरी है कि युवा खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें और सीनियर टीम में शामिल होने पर अच्छे परिणाम दें। ’’
भारतीय अंडर-16 टीम को एएफसी अंडर-16 चैंपियनशिप में कड़ा ड्रा सौंपा गया है। बिबियानो फर्नाडिस की कोचिंग वाली टीम ग्रुप सी में दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और उज्बेकिस्तान से भिड़ेगी। छेत्री ने कहा, ’’मैं अंडर-16 टीम और इंडियन एरोज का बड़ा प्रशंसक हूं विशेषकर बिबियानो की अगुवाई में अंडर-16 टीम एक इकाई के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘उन्होंने वास्तव में अच्छी फुटबॉल खेली है और यह हर कदम पर सुधार करते हुए आगे बढ़ने से जुड़ा है। ये खिलाड़ी पिछली टीम (2018 एएफसी अंडर-16 के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली टीम) से बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से जब यह टीम बेहतर परिणाम हासिल करेगी तो फिर अभी अंडर-14 में खेल रहे खिलाड़ी उससे भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिये तैयारी करेंगे क्योंकि वे उनसे बेहतर परिणाम हासिल करना चाहेंगे। आप लगातार अपने लिये बड़े लक्ष्य तय करना चाहते हो।’’
भारत की तरफ से सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले छेत्री ने फीफा अंडर-17 विश्व कप 2017 में खेलने वाले खिलाड़ियों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आपको उन खिलाड़ियों जैसे अमरजीत सिंह, सुरेश (वांगजाम) और नरेंदर (गहलौत) का आत्मविश्वास देखना चाहिए, भले ही वह सीनियर टीम में सबसे युवा खिलाड़ी हैं। आत्मविश्वास एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी में फैलता है और सीनियर टीम में मैं यही चाहता हूं।’’