नई दिल्ली। भारत के अग्रणी पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत का मानना है कि बीडब्ल्यूएफ का व्यस्त कार्यक्रम खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहा है। श्रीकांत ने अपने खराब दौर के लिए भी व्यस्त कार्यक्रम को जिम्मेदार ठहराया। श्रीकांत ने इस साल अब तक दो टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और दोनों में ही वह पहले दौर में हार गए।
2018 में बीडब्ल्यूएफ ने एक नियम बनाया था, जिसके तहत टॉप प्लेअर्स को साल में कम से कम 12 इवेंट्स में खेलना अनिवार्य है। पहले 10 टूर्नामेंट्स में खेलना अनिवार्य था।
श्रीकांत ने कहा, "पहला टॉप प्लेअर्स को 10 टूर्नामेंट्स में खेलना अनिवार्य था लेकिन अब इसकी संख्या 12 हो चुकी है। यह आसान नहीं है। इससे खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं। ऐसे में एक खिलाड़ी को अपने हिसाब से टूर्नामेंट चुनने की आजादी मिलनी चाहिए। अब मैं काफी चुनिंदा इवेंट्स में खेल रहा हूं।"
श्रीकांत ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण उनके मौजूदा फार्म पर असर पड़ा है। श्रीकांत ने कहा, "12 टूर्नामेंट के अलावा घरेलू टूर्नामेंट में खेलने के लिए अलग स्तर की फिटनेस चाहिए होती है। इसके अलावा हमें लीग्स में भी खेलना होता है। इससे खिलाड़ियों पर विपरीत असर पड़ रहा है और वे चोटिल हो रहे हैं। मेरा फार्म भी व्यस्त कार्यक्रम के कारण प्रभावित हुआ है।"
पूर्व वर्ल्ड नम्बर-1 श्रीकांत ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण फिटनेस पर ध्यान देना मुश्किल हो गया है। साथ ही श्रीकांत ने यहा कि वह खुद को संयमित करते हुए अब चुनिंदा टूर्नामेंट्स में खेलेंगे और एक बार फिर वर्ल्ड नम्बर-1 पोजीशन हासिल करने का प्रयास करेंगे।