गामा ने हेवीवैट रेस्लर स्टेनिस्लॉव ज़ीबायस्को और फ़्रैंक गोच को चुनौती दी कि या तो वह उनको धूल चटा देंगे या फिर ईनाम का पैसा उन्हें देकर घर चले जाएंगे। गामा की चुनौती को स्वीकार करना वाला पहला पेशेवर पहलवान था अमेरिका बेंजामिन रॉलर। मुकाबला हुआ और गामा ने रॉलर को सिर्फ एक मिनट 40 सैकंड में चित कर दिया। दूसरी बार उन्होंने 9 मिनट दस सैकंड में रॉलर को हराया। दूसरे दिन गामा ने 12 पहलवानों को हराया और इस तरह उन्हें ऑफिशियल टूर्नामेंट में एंट्री मिल गई।
गामा और विश्व चैंपियन स्टेनिस्लॉव ज़ीबायस्को के बीच मुकाबला हुआ 10 सितंबर 1910 को। गामा ने मुकाबला शुरु होते ही एक मिनट के अंदर स्टेनिस्लॉव ज़ीबायस्को को नीचे गिरा दिया और इसके बाद गामा ने उसे बाक़ी दो घंटे 35 मिनट तक हिलने नहीं दिया। ये मैच ड्रा हो गया. इसके बाद 17 सितंबर को फिर मुकाबला रखा गया लेकिन स्टेनिस्लॉव ज़ीबायस्को नहीं आया और गामा को विजेता घोषित किया गया। उन्हें ईनामी रकम के अलावा मशहूर जॉन बुल बेल्ट भी दिया गया। इसके सात ही वह बन गए रुस्तम-ए-ज़माना या विश्व चैंपियन।