फीफा विश्व कप में इस साल ब्राजील की तूती बोल सकती है और वो बीते 16 साल का सूखा खत्म करते हुए रूस में 15 जुलाई को चैम्पियन बनने का गौरव हासिल कर सकता है। एक वैश्विक सर्वेक्षण में इसकी सम्भावना जताई गई है। दुनिया भर में मनोरंजन सेवाओं और कंपनियों के लिए संगीत, वीडियो और खेल मेटाडाटा और स्वचालित सामग्री मान्यता (एसीआर) प्रौद्योगिकी प्रदान करने वाली अग्रणी कम्पनी-ग्रेचनोट द्वारा किए गए सर्वे से ये बात निकलकर सामने आई है कि करिश्माई नेमार जूनियर के नेतृत्व में ब्राजील के इस साल खिताब जीतने की सबसे अधिक 21 फीसदी सम्भावना है।
दूसरे नंबर पर स्पेन है, जिसने 2010 में खिताब जीता था लेकिन इसके बाद लय से भटक गया था। मौजूदा चैम्पियन जर्मनी और 2014 में जर्मनी के खिलाफ फाइनल खेलने वाली लायनल मेसी की टीम के खिताब तक पहुंचने की 8-8 प्रतिशत सम्भावना है। इसके बाद 6 प्रतिशत सम्भाना के साथ फ्रांस चौथे नंबर पर है। कोलम्बिया (5 फीसदी), इंग्लैंड, बेल्जियम और यूरोपीयन चैम्पियन पुर्तगाल (4 फीसदी), उरुग्वे तथा मेक्सिको (तीन फीसदी), स्विट्जरलैंड और क्रोएशिया (दो फीसदी) सम्भावना के साथ विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। मेजबान रूस, पोलैंड, ईरान, डेनमार्क, मोरक्को, सेनेगल, कोस्टा रिका, स्वीडन, आस्ट्रेलिया, सेर्बिय, आइसलैंड और ट्यूनिशिया के खिताब तक पहुंचने की एक फीसदी सम्भावना है।
इसके अलावा एशिया से दक्षिण कोरिया, अफ्रीकी टीम नाइजीरिया, दक्षिण अमेरिकी टीम पनामा, मिस्र, जापान और साउजी अरब के खिताब तक पहुंचने की आधा प्रतिशत सम्भावना है। सर्वे में कहा गया है कि विश्व कप में हिस्सा लेने वाली 32 टीमों में से लगभग सभी बड़ी टीमों के नॉकआउट दौर में पहुंचने की पूरी सम्भवना है। इसमें 90 फीसदी सम्भावना के साथ ब्राजील सबसे आगे है। दूसरे क्रम पर अर्जेटीना है, जो मेसी के दम पर 82 फीसदी सम्भावना के साथ नॉकआउट में पहुंचेगा।
सर्वे के मुताबिक ग्रुप-ए से उरुग्वे (77 फीसदी) और रुस (60 फीसदी) आगे जाएंगे जबकि मिस्र (36 फीसदी) और साउदी अरब (27 फीसदी) को बाहर जाना होगा। इसी तरह ग्रुप-बी से स्पेन (76 फीसदी) और क्रिस्टीयानो रोनाल्डो की टीम पुर्तगाल (58 फीसदी) अगले चरण में जाएंगे जबकि ईरान (35 फीसदी) और मोरक्को (30 फीसदी) को बाहर होना पड़ेगा। ग्रुप-सी से फ्रांस (69 फीसदी) और पेरू (68 फीसदी) आगे जाएंगे जबकि डेनमार्क (35 फीसदी) और आस्ट्रेलिया (27 फीसदी) बाहर हो जाएंगे। ग्रुप-डी से दो बार के विजेता अर्जेटीना (82 फीसदी) और क्रोएशिया (57 फीसदी) नॉकआउट में जाएंगे जबकि पहली बार विश्व कप में खेल रहे आइसलैंड (35 फीसदी) और सुपर ईगल्स नाइजीरिया (27 फीसदी) को बाहर जाना पड़ेगा।
ग्रुप-ई से पांच बार का विजेता ब्राजील (90 फीसदी) और स्विट्डरलैंड (51 फीसदी) के साथ अगले दौर में जाएंगे जबकि सर्बिया (31 फीसदी) तथा कोस्टा रिका (28 फीसदी) के साथ बाहर हो जाएंगे। ग्रुप-एफ मौजूदा तथा चार बार का चैम्पियन जर्मनी (79 फीसदी) तथा मेक्सिको (60) अगले दौर का टिकट कटाएंगे जबकि ज्लाटान इब्राहिमोविच के बगैर खेल रही स्वीडन (34 फीसदी) और दक्षिण कोरिया (27 फीसदी) आगे का सफर नहीं तय कर पाएंगे।
ग्रुप-जी से इंग्लैंड और बेल्डियम (71-71 फीसदी) के साथ आगे जाएंगे जबकि ट्यूनिशया (32 फीसदी) और पनामा (26 फीसदी) को बाहर जाना होगा। ग्रुप-एच से कोलम्बिया (77 फीसदी) तथा पोलैंड (50 फीसदी) आगे जाएंगे जबकि सेनेगल (45 फीसदी) तथा जापान (29 फीसदी) को बाहर जाना होगा। सर्वे में कुछ अंडरडॉग टीमों को लेकर भी आंकलन किया गया है, जो नॉकआउट में पहुंच सकती हैं। इमें कोलम्बिया के अंतिम-16 दौर में पहुंचने की सबसे अधिक 77 फीसदी सम्भावना है। इसके बाद पेरू के अंतिम-16 दौर में पहुंचने की 68 फीसदी सम्भावना है। कोलम्बिया के हालांकि क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की 43 फीसदी और सेमीफाइनल में पहुंचने की 21 फीसदी ही सम्भावना है। इसी तरह पेरू के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की 39 फीसदी और सेमीफाइनल में पहुंचने की 22 फीसदी सम्भावना है।
इस सर्वेक्षण में हालांकि एक चौंकाने वाली बात भी कही गई है। रूस में इस साल ब्राजील, अर्जेटीना, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस के अलावा किसी अन्य देश के खिताब जीतने की 47 फीसदी सम्भावना है। 1970 के बाद से यूरोप और लातिन अमेरिकी देश ही विजेता बनकर उभरे हैं और इसमें ब्राजील, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस और अर्जेटीना को बोलबाला रहा है। इस साल चूंकी इटली (2006 चैम्पियन) की टीम विश्व कप में नहीं खेल रही है, ऐसे में सर्वे में यह सम्भावना जताई गई है कि 2018 फीफा विश्व कप का सेहरा किसी 'नए' देश के सिर भी बंध सकता है।