दोहा: शिव थापा ने पिछड़ने के बाद वापसी करके नाकआउट में जीत दर्ज करके जबकि विकास कृष्ण ने अपने से अधिक अनुभवी प्रतिद्वंद्वी को हराकर आज यहां विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनायी।
एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता विकास : 75 किग्रा : ने यूरोपीय चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और चौथी वरीयता प्राप्त पोलैंड के तोमास्ज जाबोलन्स्की को 2-1 से हराया। दूसरी तरफ शिव : 56 किग्रा : ने मोरक्को के अफ्रीकी चैंपियन मोहम्मद हमोत को हराकर अंतिम आठ में प्रवेश किया।
इक्कीस वर्षीय शिव का अगला मुकाबला कतर के हकान एरेस्कर से होगा जिन्होंने वनातु के बो वारवारा को 2-1 से हराया जबकि 23 वर्षीय विकास का सामना मिस्र के होसाम अबदीन से होगा।
राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह संधू ने पीटीआई से कहा, शिव ने अपने जबर्दस्त मुक्कों से प्रतिद्वंद्वी को टिकने नहीं दिया और मुकाबला जीता। यहां तक कि उन्होंने जवाबी हमला भी बहुत अच्छी तरह से किया। भारतीय मुक्केबाजों को इस तरह की नाकआउट जीत बहुत कम मिलती है। मुझे इस तरह की किसी जीत की याद नहीं है।
उन्होंने कहा, विकास ने बहुत अच्छी मुक्केबाजी की। पोलैंड का मुक्केबाज अच्छा था लेकिन विकास ने दिमाग से काम लिया। उसने अपरकट और कभी कभी दायें हुक्स का बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल किया।
भारत की तरफ से शिव पहले रिंग पर उतरे और उन्होंने शानदार जीत दर्ज की। असम के इस मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में 26 मिनट में ही अपना बायां मुक्का हैमोत के आखों के बीच जमाया। इससे मोरक्को का मुक्केबाज तुरंत ही रिंग पर गिर गया। इसके बाद आठ तक गिनती गिनी गयी और आखिर में चिकित्सार्मियों के सहारे वह बाहर निकला।
शिव की शुरूआत हालांकि अच्छी नहीं रही। दोनों मुक्केबाज शुरू से ही आक्रमण की मुद्रा में थे। पहले तीन मिनट में बराबरी का मुकाबला रहा लेकिन जजों ने मोरक्को के मुक्केबाज के पक्ष में फैसला सुनाया। भारतीय मुक्केबाज ने हालांकि दूसरे राउंड में आक्रमण जारी रखा और मुकाबला बराबरी पर पहुंचा दिया।
दूसरी तरफ विकास ने जवाबी हमलों की अपनी रणनीति से अपने प्रतिद्वंद्वी को परेशान किया। उन्होंने कुछ बेहतरीन अपरकट जमाये। क्लीन हिटिंग से उन्हें अंक मिले। पहले दो राउंड में उन्होंने जाब्लोन्स्की को पूरी तरह से बैकफुट पर रखा। जाब्लोन्स्की ने हालंाकि तीसरे राउंड में वापसी की लेकिन विकास को शुरूआती बढ़त के कारण ओवरआल विजेता घोषित किया गया।