नई दिल्ली। पूर्व विश्व चैम्पियन मुक्केबाज सरिता देवी ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले साल तोक्यो में आयोजित होने वाले ओलंपिक खेलों के बाद संन्यास पर फैसला करेंगी जहां उनका लक्ष्य पदक जीतने का होगा।
37 साल की सरिता के नाम विश्व चैम्पियनशिप के तीन पदक है। उन्होंने 2006 में स्वर्ण के अलावा 2005 और 2008 में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच स्वर्ण और एक कांस्य पदक के साथ एशियाई खेलों (2014) में कांस्य और राष्ट्रमंडल खेलों (2014) में रजत पदक हासिल किया था।
मणिपुर की इस खिलाड़ी को अब तक ओलंपिक में सफलता नहीं मिली है। वह अपने करियर को खत्म करने से पहले इन खेलों में पदक जीतना चाहती है।
सरिता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैंने मुक्केबाजी खेलना सिर्फ एक वजह से जारी रखा है जोकि ओलंपिक पदक है। मैंने जिन प्रतियोगिताओं में भाग लिया है उनमें पदक हासिल किया है। सिर्फ ओलंपिक का पदक ऐसा है जो मेरे पास नहीं है और मैं तोक्यो में उसे हासिल करने को लेकर बेकरार हूं।’’
संन्यास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकती हूं। मैं तोक्यो ओलंपिक के बाद अपने करियर के बारे में कुछ फैसला करुंगी।’’
सरिता और दिग्गज मैरीकाम रूस के उलान उडे में तीन से 13 अक्टूबर तक होने वाली महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 10 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व करेंगी। सरिता इस टूर्नामेंट में पदक जीतकर 11 साल के सूखे को खत्म करना चाहती है।
उन्होंने कहा,‘‘ पिछले 10 वर्षों में मैंने जब भी विश्व चैम्पियनशिप में भाग लिया मैं अच्छा खेली और जीत के करीब पहुंचकर हार गयी हूं। ऐसे में मेरे लिये यह बड़ी चुनौती है। मैंने काफी मेहनत की है और तकनीक में बदलाव किये है। ऐसे में मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार पदक जीतूंगी।’’