अम्मान (जोर्डन)| विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मनीष कौशिक (63 किग्रा) ने यहां एशियाई क्वालीफायर में आस्ट्रेलिया के हैरिसन गारसिडे को हराकर तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया। कौशिक तोक्यो ओलंपिक में जगह पक्की करने वाले नौवें भारतीय मुक्केबाज हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन और दूसरी वरीयता प्राप्त गारसिडे को 4-1 से हराकर पहली बार खेल महाकुंभ में जगह बनायी।
भारतीय मुक्केबाज ने शुरू से आक्रामक रवैया अपनाया और आस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी पर करारे प्रहार किये जिससे उनका खून भी निकल आया। यह 2018 के राष्ट्रमंडल फाइनल की पुनरावृत्ति थी। अंतर इतना था कि इस बार कौशिक विजेता बने। वर्तमान टूर्नामेंट से 63 किग्रा भार वर्ग में शीर्ष छह मुक्केबाज ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर सकते थे। कौशिक और गारसिडे दोनों क्वार्टर फाइनल में हार गये थे।
इससे पहले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन विकास कृष्ण (69 किग्रा) बुधवार को आंख में चोट के कारण एशिया/ओसियाना मुक्केबाजी क्वालीफायर के फाइनल से बाहर हो गए जिससे उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। विश्व और एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता विकास को खिताबी मुकाबले में जोर्डन के जेयाद ईशाश से भिड़ना था।
इस मुक्केबाज के करीबी सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘कट लगने के कारण वह मुकाबले में हिस्सा नहीं लेगा। डाक्टरों ने उसे हटने को कहा है।’’ विकास ने मंगलवार को सेमीफाइनल में विश्व चैंपियनशिप के दो बार के कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान के दूसरे वरीय अबलइखान जुसुपोव को हराया था। सेमीफाइनल के दूसरे दौर में विकास की बायीं आंख के ऊपर कट लगा था। उन्होंने यह मुकाबला खंडित फैसले में जीता था।
कौशिक और विकास के अलावा जिन भारतीय मुक्केबाजों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है उनमें एमसी मेरीकोम (51 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), अमित पंघाल (52 किग्रा), आशीष कुमार (75 किग्रा) और सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) शामिल हैं।