गुवाहाटी: भारतीय लड़कियों ने अपना वर्चस्व कायम करते हुए रविवार को यहां सम्पन्न एआईबीए युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन पांच स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक सफलता दर्ज की। भारत के लिए नीतू, ज्योति, साक्षी, अंकुशिता बोरो और शशि चोपड़ा ने स्वर्ण जीते। नीतू ने लाइटफ्लाईवेट कटेगरी में सोना जीता जबकि ज्योति ने फ्लाइवेट में बाजी मारी।
इसी तरह साक्षी ने बेंटमवेट वर्ग में पहला स्थान हासिल किया। शशि ने फीदरवेट कटेगरी में सोना जीता और फिर अंकुशिता ने लाइटवेल्टर कटेगरी में बाजी मारी।
नीतू ने फाइनल में कजाकिस्तान की झाजिरा उराकबायेवा को 5-0 से हराया। दूसरी ओर, ज्योति ने रूस की एकातेरिना मोलचानोवा को इसी अंतर से पराजित कर अपनी टीम को दूसरा स्वर्ण दिलाया।
बेंटम वेट के फाइनल में साक्षी ने इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर पहला स्थान हासिल किया जबकि फीदरवेट में शशि ने वियतनाम की नगोक जो होंग को 4-1 से परास्त किया।
स्थानीय खिलाड़ी अंकुशिता ने फाइनल में रूस की एकातेरिना डेनिक को 4-1 से हराया। अंकुशिता को टूर्नामेंट का श्रेष्ठ मुक्केबाज चुना गया।
ज्योति ने अगले साल अर्जेटीना में होने वाली यूथ ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
भारत को इस चैम्पियनशिप में दो रजत भी मिले।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने पदक जीतने वाली प्रत्येक खिलाड़ी को दो-दो लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
सिंह ने अपने बयान में कहा, "इन लड़कियों ने देश का नाम रोशन किया है। हमें इन पर गर्व है। हम सभी सात लड़कियों को इस सफलता पर बधाई देते हैं। इन लड़कियों ने इस पल के कड़ी मेहनत की थी और निश्चित तौर पर ये भविष्य का सितारा हैं।"