मोनाको। दिग्गज टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर को लगता है कि भारतीय टेनिस के तीनों बड़े खिलाड़ियों लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा को अपने मतभेद भुलाकर देश में इस खेल की बेहतरी के लिए साथ मिलकर काम करना होगा। पिछले तीन दशक से एकल वर्ग में एक भी विश्व स्तरीय खिलाड़ी नहीं देने वाले भारत में इस खेल में सुधार के बारे में बात करते हुए बेकर ने कहा तीनों (युगल विशेषज्ञों) को टेनिस को आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करना होगा।
जर्मनी के इस दिग्गज खिलाड़ी ने पीटीआई से कहा, ‘‘ टेनिस में भारत की सफलता का लंबा इतिहास रहा है। आपके पास बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का पूल होना चाहिए ताकि उसमें से कोई आगे जाकर खिताब जीत सके। मौजूदा समय में मैं ऐसा होता नहीं देख रहा हूं। इसके साथ ही मैं यह भी कहूंगा कि हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में टेनिस काफी लोकप्रिय है। शायद सानिया, भूपति और पेस जैसे खिलाड़ियों को कुछ करने की जरूरत है। मुझे पता है उनके बीच विवाद है लेकिन टेनिस के स्तर को सुधारने का यही एक तरीका है। जर्मनी और फ्रांस में भी ऐसा ही होता है पूर्व खिलाड़ी खेल प्रशासन में जाते है।’’ बेकर ने इस मौके पर लय में चल रहे नोवाक जोकोविच की तारीफ करते हुए कहा कि वह रोजर फेडरर के 20 ग्रैंडस्लैम खिताब के रिकार्ड को पीछे छोड़ सकते है। उन्होंने कहा कि इस सर्बियाई खिलाड़ी के पास अगले दो सत्र में यह उपलब्धि हासिल करने का मौका होगा।
चोट से वापसी के बाद जोकोविच ने पिछले तीनों ग्रैंडस्लैम अपने नाम किये जिसमें ऑस्ट्रेलियाई ओपन का रिकार्ड सातवां खिताब भी शामिल है। फेडरर 37 साल के हो चुके है लेकिन वह अभी भी दमदार तरीके से खेल रहे है। ग्रैंडस्लैम खिताबों को 17 बार जीतने वाले राफेल नडाल भी चोट से उबरने के बाद ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचे।
उन्होंने लॉरेस विश्व पुरस्कार के मौके पर कहा, ‘‘ इस बात की संभावना है कि जोकोविच फेडरर के रिकार्ड को तोड़ दे लेकिन इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी। यह सही है कि उन्होंने लगातार तीन ग्रैंडस्लैम में जीत दर्ज की लेकिन उससे पहले दो साल एक भी खिताब नहीं जीत सके थे।’’ बेकर 2014 से 2016 तक जोकोविच के कोच भी रहे थे जिस दौरान उन्होंने छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते।