भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली संजीव गोयनका के स्वामित्व वाले इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फुटबॉल क्लब एटीके मोहन बागान के निदेशक मंडल से हट गए हैं क्योंकि इस उद्योगपति के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की लखनऊ फ्रेंचाइजी के लिए सफल बोली लगाने के बाद हितों के टकराव की स्थिति बन सकती थी।
गांगुली 2014 में आईएसएल की शुरुआत के बाद से एटलेटिको-कोलकाता का हिस्सा थे। क्लब को बाद में एटीके (आमार तोमार कोलकाता) नाम दिया और फिर बाद में दिग्गज क्लब मोहन बागान के साथ उसका विलय हो गया। गोयनका के आरपी-एसजी समूह ने सोमवार को आईपीएल की लखनऊ टीम 7090 करोड़ रुपये में खरीदी।
आईसीसी के एक वरिष्ठ सूत्र ने गुरुवार को पीटीआई से कहा, "हां, सौरव गांगुली पहले ही एटीके मोहन बागान प्रबंधन को पत्र भेज चुके हैं और उन्हें सूचित कर दिया है कि वह क्लब के निदेशक मंडल का हिस्सा नहीं बन पाएंगे क्योंकि आरपी-संजीव गोयनका समूह अब आईपीएल टीम के मालिक हैं और यह हितों के टकराव का मामला हो सकता है।"
सूत्र ने कहा, "आईपीएल बोली पूरी होने के बाद यह औपचारिकता थी और गांगुली ने जरूरी काम किया। आरपी-एसजी समूह के बोली में सफल नहीं होने तक यह हितों के टकराव का मामला नहीं था क्योंकि वे आईपीएल का हिस्सा नहीं थे।" इससे पहले गोयनका ने सीएनबीसी-टीवी 18 से कहा था कि पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली निदेशक मंडल से हट जाएंगे।
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गोयनका ने कहा था, "मुझे लगता है कि वह (एटीके) मोहन बागान से पूरी तरह से हट जाएगा। मुझे लगता है कि आज। इस बारे में घोषणा सौरव को करनी है। मेरे कहने का मतलब है, माफ कीजिए। मुझे लगता है कि मैंने जल्दबाजी कर दी।"