अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि भविष्य में ओलम्पिक खेलों के दौरान प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर बैन का नियम जारी रहेगा। अमेरिका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जर्मन लीग में भी कुछ फुटबॉल खिलाड़ियों ने मैदान पर जॉर्ज को श्रद्धांजलि दी। 46 साल के जॉर्ज की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
डेली टैलीग्राफ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आईओसी ने गाइडलाइंस के नियम 50 का जिक्र करते हुए कहा है कि वह खेलों के महाकुंभ को तटस्थ तौर पर देखना चाहती है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बेशक टोक्यो ओलम्पिक अगले साल तक के लिए स्थगित हो गए हैं लेकिन इन खेलों से संबंधी जनवरी में जो गाइडलाइंस बनाई गई थीं वो जारी रहेंगी।
आईओसी एथलीट कमिशन द्वारा बनाई गई गाइडलाइंस के नियम 50 के मुताबिक, "ओलम्पिक स्थल पर किसी भी तरह के राजनैतिक, धार्मिक, नस्लीय प्रदर्शन की मंजूरी नहीं है।"
इसका मतलब है कि एनएफल के कोलिन काएपेर्निक द्वारा नस्लवाद के खिलाफ अमेरिका में किया जा रहा विरोध प्रदर्शन अगर ओलम्पिक में किया जाता है तो वह सजा योग्य होगा।