भारतीय फुटबॉल के पूर्व दिग्गज बाईचुंग भूटिया ने शुक्रवार को एटीके मोहन बागान के हरे और लाल रंग की जर्सी की विरासत को बनाए रखने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि दो क्लबों को मिला कर बनायी गयी नयी टीम को बिना किसी ‘हस्तक्षेप’के चलाने के लिए पेशेवरों को नियुक्त करना चाहिए। भूटिया ने ईस्ट बंगाल की क्ववेस कॉर्प के साथ साझेदारी की ओर इशारा किया जिसमें इस समूह के हटने को लेकर विवाद हुआ।
भूटिया ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ अब जरूरी यह है कि पेशेवर लोगों की नियुक्ति हो और वे इसे चलाये। अगर क्लब के निदेशक इसे चलाने की कोशिश कर रहे हैं और कोच और प्रबंधन के साथ हस्तक्षेप करते रहते हैं तो मुझे लगता है कि यह सफल नहीं होगा।’’
एटीके शुरुआती वर्षों में सलाहकार रहे भूटिया ने कहा, ‘‘उन्होंने पहला कदम ले लिया है, अब पेशेवरों को नियुक्त करने का समय है जो क्लब का संचालन करें। मुझे विश्वास है कि संजीव गोयनका ऐसा ही करेंगे करेंगे। एक सफल व्यवसायी होने के कारण वह जानते है कि सही लोगों को सही जगह पर कैसे लाया जाए।’’
क्लब के बोर्ड की पहली बैठक में लार और हरे रंग की जर्सी को बरकरार रखने के साथ मोहन बागान के लोगो (प्रतीक चिह्न) नाव को बरकारर रखने का फैसला किया गया।
इसे शानदार कदम बताते हुए मोहन बागान के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ अब यह क्लब के पास है कि वह इसे प्रशंसकों के पास कैसे ले जाते है। मुझे नहीं पता कि प्रशंसक इसे कैसे लेंगे। लेकिन पहचान को बरकरार रखने के लिए मोहन बागान की जर्सी के रंगों को बरकरार रखना जरूरी था। उन्होंने लोगो को भी बरकरार रखा है जो अच्छा कदम है।’’