नयी दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी वैष्णवी जक्का रेड्डी ने चयन समिति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए जूनियर विश्व चैंपियनशिप से अपना नाम वापस ले लिया है। उधर भारतीय बैडमिंटन संघ ने उनके आरोपों को बकवास करार दिया। बीडब्ल्यूएफ जूनियर विश्व रैंकिंग में 12वें स्थान पर काबिज 15 वर्षीय वैष्णवी उन छह खिलाड़ियों में शामिल थी जिन्हें अगले महीने जकार्ता में होने वाली चैंपियनशिप में लड़कियों के एकल में खेलना था। टीम में सीनियर टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद की पुत्री गायत्री गोपीचंद भी शामिल है।
वैष्णवी की दादी जक्का सौजन्या रेड्डी ने भारतीय बैडमिंटन संघ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ आदि को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी पोती को युगल टीम में रखा गया है। सौजन्या रेड्डी ने चयन पैनल पर गायत्री का पक्ष लेने का आरोप लगाया क्योंकि उन्हें अंडर-19 एकल के लिये चुना गया है जहां उन्हें अभी रैंकिंग हासिल करनी है।
भारतीय बैडमिंटन संघ ने हालांकि आरोपों को नकार दिया और कहा कि चयन पैनल ने निष्पक्ष प्रक्रिया अपनायी। भारतीय बैडमिंटन संघ एक शीर्ष अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा कि वैष्णवी का टीम में चयन किया गया है और वह भारत की तरफ से खेलेगी। यह फैसला कोच करेगा कि वह उसे कहां खिलाना चाहता है। मैं उसके परिजनों के हस्तक्षेप को नहीं समझा पाया। हमने कोई ऐसी टीम जारी नहीं की जिसमें यह अलग से दर्ज हो कि कौन एकल या युगल में खेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गायत्री अभी भारत की जूनियर वर्ग में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। उसने अंडर-19 घरेलू टूर्नामेंट में सभी लड़कियों को हराया है। उसका सभी लड़कियों के खिलाफ बेहतर रिकार्ड है।
अधिकारी ने कहा, वैष्णवी को मौका मिल सकता है लेकिन इस तरह से दबाव बनाना सही नहीं है। भारतीय बैडमिंटन टीम का चयन पूरी ईमानदारी से किया जाता है। इसमें कई चीजों को ध्यान में रखा जाता है जैसे कि क्या वह कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पोडियम पर पहुंची या पिछले तीन महीनों में उसका प्रदर्शन कैसा रहा।