अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने ब्रिसबेन को बुधवार को 2032 ओलंपिक की मेजबानी के लिए चुना। ब्रिसबेन के खिलाफ किसी शहर ने मेजबानी की दावेदारी पेश नहीं की। सिडनी में 2000 में खेलों के आयोजन के बाद ओलंपिक 32 साल बाद एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया लौटेंगे।
इससे पहले मेलबर्न में 1956 में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने अपने कार्यालय से आईओसी के मतदाताओं को 11 मिनट के लाइव वीडियो लिंक के दौरान कहा, ‘‘हमें पता है कि ऑस्ट्रेलिया में सफल खेलों के आयोजन के लिए क्या करने की जरूरत है।’’
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ब्रिसबेन से पहले 2028 में लॉस एंजिलिस जबकि 2024 में पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को शुरू होने वाले तोक्यो खेलों से पूर्व बैठक में आईओसी सदस्यों के आधिकारिक मुहर लगाने से महीनों पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तटीय शहर का मेजबान बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया था।
आईओसी ने फरवरी को ब्रिसबेन को बातचीत का विशेष अधिकार दिया था। इस फैसले से कतर, हंगरी और जर्मनी के ओलंपिक अधिकारी सकते में थे क्योंकि उनकी स्वयं की दावेदारी की योजना पर पानी फिर गया था।
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नए बोली प्रारूप के तहत ब्रिसबेन खेलों की मेजबानी के लिए चुना गया पहला शहर है। नए प्रारूप में आईओसी संभावित दावेदार से संपर्क करता है और निर्विरोध उनका चयन करता है। प्रचार अभियान के खर्चे को कम करने के अलावा आईओसी को अधिक नियंत्रण देने और मत खरीदने के खतरे को हटाने के लिए इस प्रक्रिया को तैयार किया गया है।
ओलंपिक स्पर्धाओं का आयोजन पूरे क्वीन्सलैंड राज्य में किया जाएगा जिसमें गोल्ड कोस्ट शहर भी शामिल है जिसने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी।