अपने संगी साथियों और दर्शकों के बिना टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ी अभी से पेरिस ओलंपिक की कल्पना करने लग गये हैं और उन्हें उम्मीद है कि 2024 में परिस्थितियां पूरी तरह से बदली होंगी और उन्हें ओलंपिक माहौल में खुलकर जीने की छूट मिलेगी।
टोक्यो ओलंपिक का आयोजन कोरोना वायरस महामारी के उत्पन्न हुई जटिलताओं के बीच निर्धारित समय से एक साल बाद किया गया। खिलाड़ियों को अपने परिजनों और साथियों को जापान ले जाने से रोक दिया गया। उन्हें खाली स्टेडियमों में खेलना पड़ा और जापान में कहीं भी घूमने नहीं दिया गया। यही वजह है कि खिलाड़ी अभी से पेरिस ओलंपिक के सपने देखने लग गये हैं।
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यदि तब तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया जाता है तो पेरिस ओलंपिक खिलाड़ियों के लिये किसी पार्टी से कम नहीं होंगे। खिलाड़ी वहां टोक्यो की सारी निराशा को भुलाकर ओलंपिक के वास्तविक माहौल का आनंद लेना चाहेंगे। पेरिस ओलंपिक के आयोजकों को भी उम्मीद है कि ओलंपिक 2024 तक महामारी खत्म हो जाएगी। पेरिस शहर की मेयर एनी हिंडाल्गो ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम पार्टी करने में सक्षम रहेंगे।’’ लेकिन यदि कोरोना वायरस तब भी पार्टी की योजनाओं पर भारी पड़ता है तो फिर तोक्यो ने दिखा दिया कि महामारी के बावजूद ओलंपिक खेलों का आयोजन कैसे किया जाता है।
टोक्यो में ओलंपिक खेल केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित रहे। वहां न दर्शक थे और न शहरों में पार्टियां हुई। ओलंपियन एक दूसरे से मिल तक नहीं पाये। पेरिस ओलंपिक के आयोजकों ने करीब से इसे देखा। वे कह रहे थे कि भले ही वे परिस्थितियां बदलने की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन उन्हें बुरी परिस्थितियों के लिये भी योजना बनानी होंगी। अधिकतर खिलाड़ियों के लिये सबसे मुश्किल यह रहा कि वे अपने प्रियजनों को साथ लेकर जापान नहीं आ पाये। उनके प्रियजनों के पास उन्हें टीवी पर देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
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अमेरिका की सर्फर कारिसा मूरे ने कहा कि पति से अलग रहना और उनके समर्थन के बिना खेलना बहुत बड़ी चुनौती थी। मूरे आखिर में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही लेकिन पति से विछोह उनके लिये पीड़ादायक था। इससे हालांकि उन्हें नया अनुभव और सीख भी मिली। मूरे ने कहा, ‘‘मुझे यहां होने और बिना किसी समर्थन के अच्छा प्रदर्शन करने पर स्वयं पर गर्व है।’’
टोक्यो में खिलाड़ियों की आम शिकायत थी कि वे खेल गांव में रहकर अपना समय व्यतीत नहीं कर पा रहे हैं। फिनलैंड के पहलवान इलियास कौसमैनन ने कहा, ‘‘अपने साथी पहलवानों से प्रतिस्पर्धा से इतर मिलना और उनसे मित्रता करना, एक ओलंपियन के तौर पर मैं इसका अनुभव लेना पसंद करूंगा।’’
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रियो ओलंपिक 2016 के दौरान कनाडा के वॉलीबाल खिलाड़ी निकोलस हॉग खाली समय में जिम्नास्टिक या ट्रैक एवं फील्ड की स्पर्धाओं को देखने के लिये चले जाते थे या फिर अपने साथियों के साथ पार्टी करते थे लेकिन तोक्यो में उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खाली होता था तो मैं टीवी के आगे बैठ जाता और मैं लगभग सभी खेल देख रहा था।’’
उम्मीद है कि तीन साल में परिस्थितियां बदलेंगी और पेरिस में ओलंपिक खेलों का आयोजन अपने पुराने जोशो खरोश और विविध रंगों के साथ होगा।