नई दिल्ली। ट्रैक पर एक के बाद एक कई रिकॉर्ड बनाने वाली भारत की स्टार धाविका हिमा दास अपनी पढ़ाई भी नहीं छोडना चाहती हैं और इसलिए आजकल वह अपने अभ्यास के साथ साथ बोर्ड परीक्षाओं के लिये भी समय निकाल रही हैं।
हिमा 400 मीटर में विश्व चैंपियन हैं और 19 साल की उम्र में वह 51 सेकेंड से कम का समय निकाल चुकी हैं। असम के नौगांव जिले के कांधुलिमारी गांव की इस धाविका ने लगातार अपने समय में सुधार किया है। उन्होंने एशियाई खेलों में 50.79 सेकेंड का समय लेकर रजत पदक जीता था।
लेकिन किसी भी अन्य युवा की तरह वह पढ़ाई में डिग्रियां लेना चाहती है। वह अभी असम उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत 12वीं की परीक्षा दे रही है।
हिमा ने गुवाहाटी से पीटीआई से कहा, ‘‘मेरा ध्यान 2019 की कुछ प्रमुख प्रतियोगिताओं पर है और मैं परीक्षाओं के साथ साथ अपनी तैयारियों पर भी ध्यान दे रही हूं।’’
हिमा की बोर्ड परीक्षाएं 12 फरवरी को शुरू हुई और वह मार्च तक चलेंगी। उनकी परीक्षाएं गांव के करीबी धींग कालेज में चल रही हैं लेकिन वह इसके लिये गांव में नहीं रूक रही हैं। इसके लिये उसे अपने घर तथा गुवाहाटी स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण के हास्टल के बीच लगातार आवाजाही करनी पड़ रही है। इन दोनों के बीच 120 किमी की दूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपना कार्यक्रम इस तरह से तैयार किया है जब भी मुझे पढ़ाई से मौका मिलता है, मैं अभ्यास में जुट जाती हूं।’’
हिमा का अगला पेपर शनिवार (16 फरवरी) को है और इसके लिये वह शुक्रवार की शाम को अपने घर जाएगी।
हिमा के चचेरे भाई बिजोय दास ने कहा, ‘‘वह 11 फरवरी की शाम को आयी थी। उसने अगली सुबह अपना पहला पेपर दिया और परीक्षा समाप्त होते ही शाम को गुवाहाटी के लिये रवाना हो गयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसने कहा कि वह दूसरा पेपर देने के लिये शुक्रवार को आएगी और फिर अभ्यास के लिये गुवाहाटी लौट जाएगी। उसके माता पिता को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने सब कुछ उस पर छोड़ दिया है।’’