नई दिल्ली। चोट के कारण एशियाई खेलों में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीतने का सपना पूरा नहीं कर पाने वाले भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण ने मंगलवार को कहा कि 2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों की तैयारी किे लिए वह पेशेवर मुक्केबाजी का रुख कर सकते हैं।
हरियाणा के इस मुक्केबाज ने जकार्ता में कांस्य पदक हासिल किया था। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उनकी दांयी आंख के ऊपर चोट लग गयी थी और सेमीफाइनल के लिये अनफिट घोषित किये जाने के बाद उन्हे कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।
विकास ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कई बार किस्मत आपका साथ नहीं देती है और आप चूक जाते है। मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था लेकिन आंख की चोट के कारण ऐसा नहीं हो सका। मैं अब ओलंपिक में स्वर्ण जीतना चाहता हूं। मैं इसे ड्रा या प्रतियोगिता के स्तर पर नहीं छोड़ना चाहता हूं। इसलिए मैं उसके लिए जरूरी प्रशिक्षण लेना चाहता हूं।’’
एशियाई खेलों में तीन बार पदक जीतने वाले इस खिलाड़ी ने कहा कि ओलंपिक में पदक का दावेदार होने के लिए उन्हें पेशेवर मुक्केबाजी में हाथ आजमाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक के लिए जरूरी तैयारी पेशेवर मुक्केबाजी में ही हो सकती है। इसलिए मैं पेशेवर मुक्केबाजी का रूख करना चाहता हूं। मैं कुछ भी मौके पर नहीं छोड़ना चाहता।’’
विकास ने कहा कि वह भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह से मुलाकात कर करियर का रूख तय करेंगे। उन्होने कहा, ‘‘मैं अध्यक्ष (बीएफआई) से मुलाकात करूंगा और अपने कोच से भी पेशेवर करियर के बारे में चर्चा कर फैसला करूंगा।’’