एशियाई खेलों से पहले भारत को करारा झटका लगा है। पदक उम्मीदों में शुमार मौजूदा विश्व और राष्ट्रमंडल चैम्पियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने कमर दर्द का हवाला देते हुए 18 अगस्त से शुरू हो रहे एशियन गेम्स से नाम वापिस ले लिया है। मीराबाई ने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ को ई-मेल भेजकर इन खेलों से बाहर रहने का अनुरोध किया है। महासंघ के महासचिव सहदेव यादव ने बताया कि कमर दर्द और ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी के लिए उन्होंने समय मांगा है और इन खेलों से बाहर रहने का अनुरोध किया है। यादव ने कहा, ‘‘ये सही है कि मीराबाई चानू ने एशियाई खेलों से नाम वापस लेने के लिए हमें ई-मेल भेजा है। उन्होंने बताया है कि वो कमर के दर्द से पूरी तरह निजात पाना चाहती हैं और उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर की तैयारी करनी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खेल मंत्रालय को आधिकारिक ई-मेल के जरिए इसकी सूचना दे दूंगा।’’ उन्होंने कहा कि महासंघ के लिए भी ये करारा झटका है क्योंकि मीराबाई से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत निराशाजनक खबर है क्योंकि उनसे पदक ही नहीं बल्कि स्वर्ण पदक की उम्मीद थी। लेकिन ये खेल का हिस्सा है और इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है।’’ एक नवंबर से अश्गाबात में शुरू हो रही विश्व चैम्पियनशिप इस साल का पहला ओलंपिक क्वालीफायर होगा। मीराबाई मई के आखिर से कमर के निचले हिस्से में दर्द से जूझ रही थीं और उन्होंने पूरी तरह से अभ्यास भी शुरू नहीं किया था। उनका एशियाई खेलों में नहीं जाना भारत के लिए बड़ा झटका है क्योंकि पिछले प्रदर्शन के आधार पर उनसे पदक की उम्मीद थी।
नवंबर में उन्होंने 22 साल में विश्व चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण जीता था जब अमेरिका के अनाहेम में हुई चैम्पियनशिप में उन्होंने 48 किलो वर्ग में 194 किलो (85 और 109 किलो) के साथ रिकॉर्ड भी बनाया था। इसके बाद अप्रैल में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 196 किलो वजन उठाकर उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया था। मीराबाई के अलावा राखी हलधर (63 किलो), राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सतीश शिवलिंगम और अजय सिंह (77 किलो) और कांस्य पदक विजेता विकास ठाकुर (94 किलो) भी एशियाई खेलों के लिए भारतीय भारोत्तोलन दल में हैं।