नयी दिल्ली। भारत के 18वें एशियाई खेलों की कबड्डी प्रतियोगिता के स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर होने के बाद इस खेल के पूर्व खिलाड़ी भी निराश हैं जिनका मानना है कि इससे दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। भारतीय टीम सेमीफाइनल में ईरान से हार गयी। यह 1990 में कबड्डी के एशियाई खेलों में शामिल होने के बाद पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम फाइनल में नहीं पहुंच पायी।
दो बार के एशियाई स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व कप्तान अनूप कुमार ने कहा, ‘‘मैं आहत हूं। इस हार को स्वीकार करने में अभी थोड़ा समय लगेगा। लेकिन इस हार के दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे और इसका गहरा असर पड़ेगा।’’ अनूप ने कहा कि कप्तान अजय ठाकुर की चोट भारत को महंगी पड़ी। अजय के माथे में चोट लग गयी थी और उन्हें टांके लगवाने पड़े थे।
उन्होंने कहा, ‘‘अजय कप्तान है। जब आपका कप्तान अधिकतर समय तक बाहर रहे तो आपकी लय गड़बड़ा सकती है और यही हुआ। हमारे खिलाड़ियों ने अच्छी शुरुआत की लेकिन इसके बाद उन्होंने ढिलायी बरती जिसे देखकर मुझे हैरानी हुई। अजय की अनुपस्थिति के कारण भी अंतर पैदा हुआ। ’’
ईरान के चोटी के खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में खेलते हैं और इससे अंतर पैदा हुआ। इस बारे में अनूप ने कहा, ‘‘इसमें संदेह नहीं कि उनके खेल में सुधार हुआ है। हमें अब अपना खेल और बेहतर करना चाहिए। आप ईरानी खिलाड़ियों को पीकेएल में खेलने से नहीं रोक सकते हो। उन्हें रोकना समाधान नहीं है। हमें अपने खेल को और बेहतर बनाना होगा।’’