किसी भी खिलाड़ी के लिए देश के लिए मेडल जीतने से मुश्किल वहां तक का सफर तक करना होता है। अक्सर खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद इस बात को जरूर कहता है कि उसे यहां तक पहुंचने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ी है। हाल ही में एशियन गेम्स 2018 में 800 मीटर स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले मनजीत सिंह के लिए भी गोल्ड तक का सफर तय करना बेहद मुश्किल रहा है। मनजीत के फोन में 5 महीने के बच्चे की फोटो है और वो बार-बार उसे ही देखते रहते हैं। ईएसपीएन.इन से खास बातचीत में मनजीत ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उन्होंने अपने 5 महीने के बच्चे को अब तक देखा ही नहीं है। (Also Read: एशियन गेम्स: 800 मीटर में मंजीत सिंह ने भारत की झोली में डाला 9वां गोल्ड, जॉनसन को मिला सिल्वर)
मनजीत ने कहा, 'क्या आप समझ सकते हैं कि एक पिता के तौर पर आपको कैसा महसूस होता होगा जब आपने अपने 5 महीने के बच्चे को अब तक देखा ना हो? मैं उससे मिलने के लिए तड़प रहा हूं। मैं उसे अपने हाथों पर उठाना चाहता हूं।' यही नहीं, मनजीत जहां नौकरी करते हैं वहां भी उन्हें नौकरी से निकलाने की तैयारी और उन्हें लगभग खत्म करार दे दिया गया था। मनजीत ने आगे कहा, '31 मार्च को मुझसे कहा गया कि ओएनजीसी के साथ मेरा स्पोर्ट्स कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं अब तक अच्छा नहीं कर सका हूं और अब ऐसा हालत में भी नहीं हूं कि सुधार कर सकूं।'
मनजीत बेहद भावुक नजर आ रहे थे और उन्होंने कहा, 'मुझ पर किसी को भरोसा नहीं रह गया था और मैं काफी टूट चुका था। उन्होंने कहा था कि आपको पर्मानेंट नहीं किया जाएगा और इस कारण मैंने स्पोर्ट्स छोड़ने का फैसला कर लिया था। मैं 27 साल का हूं और अभी भी अपने परिवार से मदद लेता हूं।' अब मनजीत ने गोल्ड जीतकर देश का नाम रौशन किया है और उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले अपने बच्चे से मिलना चाहता हूं। मनजीत ने कहा, 'मैं अपने बच्चे से मिलना चाहता हूं और उसे दिखाना चाहता हूं कि उसके पिता ने क्या हासिल किया है।'
आपको बता दें कि भारत में ये कहानी सिर्फ मनजीत की ही नहीं है बल्कि किसी भी बड़े खेल आयजनों में देश का नाम रौशन करने वाले ज्यादातर खिलाड़ियों को इन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। हालांकि ये खिलाड़ी अपने लक्ष्य से भटकते नहीं हैं और जी-जान से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहते हैं।