गत चैंपियन भारत को शुक्रवार को 18वें एशियाई खेलों की पुरुष हॉकी स्पर्धा में पहली कड़ी चुनौती का सामना करना होगा जब पूल ए मैच में उसकी भिड़ंत जापान से होगी।
पूल ए के पहले दो मैचों में भारत ने मेजबान इंडोनेशिया को 17-0 से हराया और फिर हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ 26-0 की जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय हाकी की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ जीत के साथ भारत ने 86 साल पुराने रिकॉर्ड में सुधार किया जब उसने ओलंपिक में अमेरिका को 24-1 से हराया था। दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत हालांकि 11वें नंबर की टीम जापान के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा लेकिन ये हरेंद्र सिंह और उनकी टीम की एशियाई खेलों में पहली बड़ी चुनौती होगी क्योंकि जापान की टीम अपने दिन बेहतर रैंकिंग वाली टीमों को हराने में सक्षम है।
भारतीय टीम फिलहाल पूल ए में दो मैचों में दो जीत के साथ शीर्ष पर चल रही है। कोरिया और जापान ने भी दो-दो जीत दर्ज की हैं लेकिन बेहतर गोल अंतर के कारण भारत शीर्ष पर काबिज है। जापान ने पहले मैच में श्रीलंका को 11-0 से हराया लेकिन दूसरे मैच में इंडोनेशिया के खिलाफ 3-1 की जीत के दौरान उसे पसीना बहाना पड़ा। फॉर्म और रैंकिंग को देखते हुए भारत जीत का प्रबल दावेदार है क्योंकि पूल की अन्य टीमों के स्तर में पीआर श्रीजेश की अगुआई वाली टीम कहीं बेहतर है। भारत ने पहले दो मैचों में टीम के साथ प्रयोग किया लेकिन कोच हरेंद्र सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि एशियाई खेलों में उनके असली अभियान की शुरुआत जापान के खिलाफ मैच के साथ होगी।
पहले दो मैचों में अधिकांश भारतीय खिलाड़ी गोल करने में सफल रहे लेकिन अब देखना ये होगा कि उसके खिलाड़ी अगले मैच में जापान के मजबूत डिफेंस के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करते हैं। भारत के लिए हालांकि ये चिंता की बात है कि उसके डिफेंस को पहले दो मैचों में कोई चुनौती नहीं मिली है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि श्रीजेश और उनके साथी अगले मैच में जापान के फॉरवर्ड खिलाड़ियों के दबाव से कैसे निपटते हैं। भारत को पूल चरण में सबसे कड़ी चुनौती 26 अगस्त को कोरिया से मिलने की उम्मीद है जिसके बाद टीम अपने अंतिम पूल मैच में श्रीलंका से भिड़ेगी।