Sunday, December 22, 2024
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सिल्वर मेडल के बाद शायद नौकरी मिले तो घर चलाने में मां की मदद हो जाएगी: धारूण अय्यासामी

धारूण केवल आठ साल के थे जब उनके पिता की मौत हो गयी और तब से उनकी मां ने अकेले उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया। 

Reported by: Bhasha
Published : August 27, 2018 19:41 IST
धारूण अय्यासामी
धारूण अय्यासामी

जकार्ता: भारत के धारूण अय्यासामी को उम्मीद है कि एशियाई खेलों में 400 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक की जीत उन्हें नौकरी दिलाने के लिए काफी होगी ताकि वह घर चलाने में अपनी मां की मदद कर सकें। धारूण केवल आठ साल के थे जब उनके पिता की मौत हो गयी और तब से उनकी मां ने अकेले उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया। 

तमिलनाडु के तिरूपुर के 21 साल के खिलाड़ी ने कहा,‘‘मैं आठ साल का था जब मेरे पिता गुजर गए। मेरी मां ने मेरे लिए काफी बलिदान दिए हैं। मेरे जीत की वजह वह ही हैं। वह शिक्षक के रूप में काम करती हैं और उन्हें केवल 14,000 रुपये का मासिक वेतन मिलता है।’’ 

धारूण अब अपनी मां की मदद करना चाहते हैं और उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बाद अब नौकरी मिलने की उम्मीद है। तमिलनाडु के खिलाड़ी ने 48.96 सेकेंड का समय लेकर खुद का राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा और वह कतर के अब्दररहमान सांबा के बाद दूसरे स्थान पर रहे। धारूण 300 मीटर की दूरी तक चौथे स्थान पर था लेकिन आखिरी 100 मीटर में उन्होंने दो धावकों को पीछे छोड़कर रजत पदक हासिल किया। 

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