जकार्ता। 18वें एशियाई खेलों का चौथा दिन भारत के लिए पदकों के लिहाज से अच्छा रहा। राही जीवन सरनोबत इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं तो वहीं वुशु जैसे अनजान खेल में भारत के हिस्से चार कांस्य पदक आए। टेनिस में दो पदक पक्के हो चुके हैं। बुधवार को भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने अपने ग्रुप मैच में हांगकांग को 26-0 से हराकर अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की। तैराकी और तीरंदाजी में निराशा हाथ तो पहलवानों और जिमनास्टिक टीम ने भी निराश किया।
इसके अलावा भी भारत को निराशा भी हाथ लगी क्योंकि हालिया दौर में शानदार प्रदर्शन करने वाली युवा महिला निशानेबाज मनु भाकेर पदक नहीं ला सकीं। वहीं कुश्ती में ग्रीकोरोमन में भारत का पदक का खाता नहीं खुला। टेनिस में हालांकि अंकिता रैना ने महिला एकल में तथा रोहन बोपन्ना-दिविज शरण की जोड़ी ने पुरुष युगल के सेमीफाइनल में पहुंच कर दो पदक पक्के कर दिए हैं।
चार दिनों के बाद भारत पदक तालिका में चार स्वर्ण, तीन रजत और आठ कांस्य पदकों के साथ कुल 15 पदक लेकर सातवें स्थान पर है।
राही ने बेहद रोचक मुकाबले में थाईलैंड की नापशावान यांगपाईबून को शूटऑफ में 3-2 से हराया। दोनों खिलाड़ियों का स्कोर 34-34 से बराबर था। इसके बाद दो शूटऑफ में विजेता का फैसला निकला। यह राही का इस स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक है। दक्षिण कोरिया की किम मिनजुंग तीसरे स्थान पर रहकर कांस्य जीतने में सफल रहीं।
फाइनल में राही शुरू से ही पहले स्थान पर रहीं, राहि ने आखिरी सीरीज में यांगपाईबून की बराबरी पर थीं। इसलिए फैसला शूटऑफ में हुआ। मुकाबला इतना रोचक हुआ कि स्वर्ण और रजत पदक का फैसला दो शूटऑफ में निकला।
पहले शूटऑफ में दोनों खिलाड़ियों ने एक-एक निशाना मिस किया। इसके कारण एक और शूटऑफ हुआ। जहां राहि ने एक शॉट की बढ़त बनाए रखते हुए सोने का तमगा गले में डाला।
इसी स्पर्धा में भारत को मनु 16 का स्कोर कर छठे स्थान पर रहकर पहले ही बाहर हो गईं। मनु ने क्वालीफिकेशन में शानदार प्रदर्शन किया था और गेम रिकार्ड तोड़ पहले स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाई थी।
वहीं 50 मीटर राइफल-3 पोजीशंस फाइनल में अंजुम मोदगिल और गायत्री नित्यांदम अंतिम सूची में क्रमश: नौवां और 17वां स्थान हासिल कर पदक नहीं ला सकीं। वुशु में भारत के चार खिलाड़ी सेमीफाइनल में उतरे थे, लेकिन कोई भी खिलाड़ी जीत हासिल नहीं कर सका और इसी कारण सभी को कांस्य पदक तर सीमित रहना पड़ा।
रोशिबिना देवी को सांडा की 60 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में चीन की यिंगयिंग काई ने 1-0 से मात देकर फाइनल में जाने से रोक दिया। संतोष कुमार को पुरुषों की 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में वियतनाम के ट्रोयोंग गियांग ने 2-0 से मात देकर कांसे तक सीमित कर दिया। सूर्य भानू प्रताप सिंह को सांडा स्पर्धा के 60 किलोग्राम भारवर्ग में ईरान के इरफान अहानगारियान ने 2-0 से मात दी। नरेंद्र को 65 किलोग्राम भारवर्ग सांडा स्पर्धा में ईरान के जफारी फोरोड ने 2-0 से हराया।
टेनिस में अंकिता रैना ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हांगकांग की यूडीस वोंग चोंग को मात दी। पिछली बार 2014-इंचियोन में हुए एशियाई खेलों में महिला एकल के अंतिम-16 दौर के बाद बाहर होने वाली अंकिता ने एक घंटे और 21 मिनट तक चले मुकाबले में यूडीस को सीधे सेटों में 6-4, 6-1 से मात देकर पदक पक्का कर लिया है।
बोपन्ना और शरण की जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल मैच में एक घंटे और 16 मिनट तक चले मुकाबले में ताइवान की चेनपेंग सी और हुआ सुंग यांग के खिलाफ 6-3, 5-7, 10-1 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। बोपन्ना ने अंकिता के साथ मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में भी जगह बना ली है।
भारतीय कुश्ती प्रेमियों के लिए चौथा दिन बेहद निराशाजनक रहा। इस दिन भारत के कुल चार पुरुष ग्रीकोरोमन पहलवान मैट पर उतरे, लेकिन कोई भी पदक नहीं ला सका।
पदक जीतने का मौका 87 किलोग्राम भारवर्ग में हरप्रीत सिंह के पास था, लेकिन वह कांस्य पदक के मैच में कजाकिस्तान के अजमत कुसटुबायेव ने 6-3 से मात खा बैठे। वहीं, हरदीप सिंह को रेपचेज राउंड-2 में उज्बेकिस्तान के पहलवान जाहोनगिर तुरदीव ने 6-1 से मात दी।
इन दोनों के अलावा 77 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में गुरप्रीत को भी रेपचेज राउंड खेलने का मौका मिला। गुरप्रीत इस मौके का फायदा नहीं उठा पाए और चीन के पहलवान बिन यांग ने उन्हें 8-1 से मात दी। भारत के एक और पहलवान नवीन को भी क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। नवीन को 130 किलोग्राम भारवर्ग चीन के मेंग लिंगझे ने 4-1 से मात दी।