Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. खेल
  3. अन्य खेल
  4. निशानेबाज अमित कुमार ने सियाचिन ग्लेशियर से एशियाड का सफर तय किया

निशानेबाज अमित कुमार ने सियाचिन ग्लेशियर से एशियाड का सफर तय किया

अमित सियाचिन ग्लेशियर में नियंत्रण रेखा के पास सेना की ड्यूटी और ट्रेन में डकैती से हुए नुकसान जैसी चीजों से उबरकर 18वें एशियाई खेलों के निशानेबाजी स्पर्धा में भाग लेने पहुंचे हैं।

Reported by: Bhasha
Published on: August 21, 2018 17:24 IST
सियाचिन ग्लेशियर में...- India TV Hindi
सियाचिन ग्लेशियर में सैनिक

पालेमबांग: हवलदार अमित कुमार करियर को प्रभावित करने वाली कंधे की चोट, सियाचिन के ग्लेशियर में नियंत्रण रेखा के पास सेना की ड्यूटी और ट्रेन में डकैती से हुए नुकसान जैसी चीजों से उबरकर 18वें एशियाई खेलों के निशानेबाजी स्पर्धा में भाग लेने पहुंचे हैं। कुवैत सिटी में 2006 में हुए एशियाई चैम्पियनशिप के 50 मीटर प्रोन स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले मुजफ्फरनगर के इस निशानेबाज के लिए अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था। 

वहां से लौटते समय उनकी जिंदगी में उस समय बड़ी परेशानी आयी जब दिल्ली से महू (जहां सेना की निशानेबाजी यूनिट है) लौटते समय वह ट्रेन में डकैती का शिकार हो गये। एशियाई खेलों में 300 मीटर बिग बोर राइफल स्पर्धा में भाग लेने आये अमित ने कहा, ‘‘राइफल को छोड़कर मेरे सारे सामानों की चोरी हो गयी। उस समय यह ढाई लाख रुपये का था। मैं इस बात को लेकर काफी चिंता में था कि सेना की महू यूनिट में क्या बताउंगा। मुझे जांच का डर था इसलिए मैंने कही से पैसे का इंतजाम कर सारे सामानों को खरीद कर सेना की यूनिट में जमा कर दिया।’’ 

उन्होंने कहा कि 2008 में मेरा कंधा चोटिल हो गया। जिसका मतलब यह था कि मैं खेल में भाग नहीं ले सकता था। इस कारण मेरा महू से स्थानान्तरण हो गया। 

उन्होंने कहा,‘‘यह मेरी लिए काफी परेशान करने वाला था क्योंकि मैं निशानेबाजी यूनिट से बाहर होकर नियमित पोस्टिंग पर था। अगले आठ साल तक मैंने सेना के हिस्से के रूप में मुंबई, जयपुर और बेहद ही कठिन सियाचिन ग्लेशियर में सेवाएं दी।’’ 

सियाचिन से लौटने के बाद उन्होंने अपने भाई की वित्तीय मदद से फिर से निशानेबाजी शुरू की। उन्होंने कहा,‘‘मेरे लिए चीजों तब ठीक होनी शुरू हुई तब संयुक्त राष्ट्र के कांगो मिशन पर मेरा चयन एक निशानेबाजी प्रतियोगिता के लिए हुआ। इस प्रतियोगिता में अच्छे प्रदर्शन के दम पर मुझे सेना की निशानेबाजी यूनिट में फिर से जगह दी गयी।’’ 

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें हालांकि यह समझने में देर नहीं लगी कि 50 मीटर प्रोन स्पर्धा के लिए वह बहुत अच्छे नहीं है इसलिए उन्होंने बिग बोर स्पर्धा में हाथ आजमाने का फैसला किया। यह एक गैर-ओलंपिक खेल है लेकिन विश्व चैंपियनशिप का हिस्सा है। जब इन खेलों में इस स्पर्धा को शामिल किया गया तो इसके ट्रायल में अमित पहले स्थान पर रहे और निशानेबाजी टीम में जगह बनाने में सफल रहे। 

ओलंपिक खेल नहीं होने के कारण इस खेल का ट्रायल आयोजन नहीं किया गया था। अमित ने कहा,‘‘निशानेबाजी की अन्य स्पर्धाओं की तरह इसके लिए भी शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए था लेकिन यह मेरे हाथ में नहीं है। मैंने सेना इकाई में अभ्यास किया है।" 

इन खेलों में भाग लेने के लिए खुद का साढ़े छह लाख का राइफल लाये है। 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Other Sports News in Hindi के लिए क्लिक करें खेल सेक्‍शन

Advertisement

लाइव स्कोरकार्ड

Advertisement
Advertisement