जकार्ता। भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने उम्मीदों को पूरा करते हुए यहां जारी 18वें एशियाई खेलों के दूसरे दिन सोमवार को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पुरुष निशानेबाजों दीपक कुमार और लक्ष्य ने इस दिन भारत की झोली में दो रजत पदक डाले। दूसरा दिन भारत के लिए मिला जुला रहा। भारत को खुशी के पलों के अलावा निराशा भी हाथ लगी जो साक्षी मलिक और पुरुष कबड्डी टीम की हार के रूप में सामने आई।
भारतीय पुरुष टीम ने सेपक टकरा करा में अपना पहला पदक पक्का कर लिया। भारत ने रेगु स्पर्धा में ग्रुप-बी से अंतिम चार में जगह बना कर यह पदक पक्का किया। भारत अगर सेमीफाइनल में हार भी जाता है तो भी उसका कांस्य पदक जीतना तय है।
भारत ने पहले राउंड में इंडोनेशिया से 3-0 से मात खाने के बाद ईरान को 2-1 से मात दी। वह अपने ग्रुप से दूसरी सर्वश्रेष्ठ टीम बनकर अंतिम-4 में पहुंचा।
विनेश के अलावा बाकी पहलवानों ने निराश किया। साक्षी, पूजा ढांडा और पुरुष वर्ग में सुमित कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंचने में सफल रहे थे, लेकिन यह तीनों पदक जीतने के मौके को भुना नहीं पाए।
विनेश ने महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में जापान की इरि युकी को 6-2 से मात देकर पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। विनेश एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान हैं। उन्होंने 2014 में इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश को सेमीफाइनल मैच में पैर में चोट लग गई थी। बावजूद इसके वो रुकी नहीं और फाइनल में दमदार प्रदर्शन करने में सफल रहीं।
रियो में कांस्य जीतने वाली साक्षी को सेमीफाइनल मुकाबले में आइसुलु तेनीबेकोवा से 8-7 से हार के कारण कांस्य पदक मैच खेलने का मौका मिला था, जहां जोंग सिम रिम ने साक्षी को 12-2 से तकनीकी दक्षता के आधार पर मात देकर पदक जीतने नहीं दिया।
पहली बार एश्यिाई खेलों मे हिस्सा ले रहीं पूजा को कांस्य पदक के मैच में जापान की काटसुकी साकागामी ने 6-1 से मात दी। पुरुष वर्ग में सुमित को कांस्य पदक के मैच में उज्बेकिस्तान के डेविट मोडजमानाशविलि ने 2-0 से हारया।
निशानेबाजी में दीपक ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में 247.1 अंक हासिल कर रजत पदक पर कब्जा जमाते हुए दूसरे दिन भारत का खाता खोला। दीपक ने पहली बार एशियाई खेलों में पदक हासिल किया है। इस स्पर्धा में हालांकि भारत के एक और निशानेबाज रवि कुमार पदक नहीं जीत पाए। उन्हें चौथा स्थान प्राप्त हुआ।
वहीं निशानेबाजी में दूसरा रजत पुरुषों की ट्रेप स्पर्धा में आया। इस स्पर्धा में लक्ष्य ने कुल 50 शॉट्स में 43 सटीक निशाने लगाए। इसी स्पर्धा में 35 शॉट में कुल 26 का स्कोर करने वाले भारत के मानवजीत संधू पहले पदक की दौड़ से बाहर हो गए।
इससे पहले अपूर्वी चंदेला 10 मीटर एयर राइफल और सीमा तोमर महिलाओं की ट्रैप स्पर्धा में पदक नहीं जीत सकीं। कबड्डी में भारत को निराशा हाथ लगी। भारत की पुरुष टीम को दक्षिण कोरिया ने 24-23 से मात दी। यह भारत की एशियाई खेलों में पहली हार है। भारत की पुरुष हॉकी टीम ने मेजबान इंडोनेशिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए 17-0 से जीत हासिल की।
बैडमिंटन में भारत को निराशा हाथ लगी। भारत की पुरुष और महिला टीम क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं जा सकीं। पुरुष टीम को इंडोनेशिया ने 3-1 से हराया तो वहीं महिला टीम को जापान से 3-1 से हार मिली। महिला टीम में से सिर्फ पी.वी. सिंधु ही अपना मुकाबला जीतने में सफल रहीं।
टेनिस में हालांकि भारत का दिन अच्छा रहा। अंकिता रैना, करमान कौर थांडी महिला एकल के मुकाबलों में जीत हासिल कर प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं। पुरुष एकल वर्ग में भी गुणास्वेरन प्रजनेश, रामकुमार रामनाथन ने भी अंतिम-16 में जगह बनाई। महिला युगल में अंकिता और प्रार्थना थाम्बोरे भी अंतिम-32 के मुकाबले जीत अगले दौर में पहुंच गईं।
पुरुष युगल में रोहन बोपन्ना और दिविज शरण तथा सुमित नागाल-रामकुमार की जोड़ियों ने प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में प्रवेश किया। आर्टिस्टीक जिमनास्टिक में भारत की आशीष कुमार, राकेश पात्रा, गौरव कुमार, योगेश्वर सिंह की टीम नौवें स्थान पर रहीं। तैराकी की 4 गुणा 200 मीटर स्पर्धा में श्रीहरि नटराज, अविनाश मानी, सौरभ सांगवेकर, नील रॉय की भारतीय टीम निराशाजनक प्रदर्शन कर सातवें स्थान पर रही।
दो दिनों के खेल के बाद भारत दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीत कुल पांच पदकों के साथ तालिका में आठवें स्थान पर है। पहले स्थान पर चीन है जिसने 15 स्वर्ण, 12 रजत और नौ कांस्य के साथ कुल 36 पदक अभी तक अपने नाम कर लिए हैं।